उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से अनीता मिश्रा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हिन्दू स्त्रियों के विधवा होने पर मृत पति के संपत्ति में अधिकार प्रदान करने की दृष्टि से 1937 में यह अधिनियम पारित किया गया था। जिसमे प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति का बटवारा किये बिना ही मर गया है तो उसकी विधवा को भी पुत्र के बराबर हिस्सा मिलेगा। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुने पूरी खबर।