उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला श्रम बल की भागीदारी आर्थिक विकास को गति देती है। शोध से पता चलना चाहिए कि केवल महिलाओं के लिए काम की गारंटी देना ही पर्याप्त नहीं है। वेतन और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। नौ दशमलव छह प्रतिशत पुरुषों की तुलना में केवल 61 प्रतिशत कामकाजी उम्र की महिलाएं श्रम बल में हैं। इसके अलावा, दुनिया भर में लगभग साठ प्रतिशत महिलाएं अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में हैं। यह आंकड़ा कम आय वाले देश में नब्बे प्रतिशत से अधिक है। महिलाओं के लिए कुशल सभ्य नौकरियों में निवेश करने से समाज को व्यापक लाभ होता है जो न केवल लैंगिक असमानता को बढ़ावा देता है बल्कि सभी के लिए स्थायी आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है।