उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से अंकिता मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वो माँ जो अपना सब कुछ परिवार पर समर्पित करती है वही माँ और बेटी को देश में सम्मान नहीं मिलता है। जीने की आजादी नहीं है, बेटियां शिक्षित नहीं हैं, उन्हें जन्म लेने से भी रोका जाता है। इस सोच को दूर करने और लड़कियों के लिए भविष्य बनाने के लिए, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ यह अभियान न केवल बेटियों को बचाने और शिक्षित करने के लिए शुरू किया गया था, बल्कि सदियों पुरानी धार्मिक प्रथाओं और गलत मानसिकता को भी बदलने के लिए शुरू किया गया था।