उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की कन्या भ्रूण हत्या के लिए भारतीय समाज सामुहिक रूप से जिम्मेदार है। भारतीय चिकित्सक अगर चाहे तो इस कार्य में शामिल ना हो कर इसे कम कर सकते हैं। पीसी-पीएनडीटी अधिनियम कन्या भ्रूण हत्या के लिए भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने के लिए प्रसव पूर्व निदान तकनीकों पर रोक लगाने के इरादे से अधिनियमित किया गया था। स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम में प्रमुख योगदान पीसी-पीएनडीटी अधिनियम की अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करके प्राप्त किया जा सकता है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।