उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से प्रियंका सिंह , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि घरेलू हिंसा के बारे में यह वाक्य सिर्फ एक थप्पड़ है लेकिन मार नहीं सकता , यह एक फिल्म का एकमात्र हिस्सा नहीं है , बल्कि एक विविध समाज की बदसूरत वास्तविकता को भी उजागर करता है । दुनिया के लगभग हर समाज में हिंसा मौजूद है ।हमलावर द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शारीरिक शोषण , भावनात्मक शोषण , मनोवैज्ञानिक शोषण या अभाव , आर्थिक शोषण , ताली बजाना , ताना मारना आदि शामिल हैं । घरेलू दुर्व्यवहार न केवल एक विकासशील या अविकसित देश में बल्कि एक विकासशील देश में भी एक समस्या है । यह विकसित देश में भी बहुत प्रचलित है ।लेकिन हर साल घरेलू हिंसा के मामलों की संख्या एक चिंताजनक स्थिति को रेखांकित करती है । इसमें लोगों को घरों के बंद दरवाजों के पीछे प्रताड़ित किया गया है । यह काम ग्रामीण क्षेत्रों , कस्बों , शहरों और महानगरों में भी हो रहा है ।