सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

नमस्कार साथियों मैं नरसिंहपुर से निकेत अवधिया साथियों नरसिंहपुर जिले के तहसील गाडरवारा में होली के त्योहार पर 6 बच्चे नहाने के लिए अपने मित्रों के साथ गए जहां पर नहाते समय गहरे मैं जाने के कारण डूब गये जिसमे एक बच्चा की वही पर मार ज्ञ व दुसरा बच्चा सरकारी अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई ।

मध्य प्रदेश राज्य के नरसिहपुर से कमल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि "जीरो पॉइंट्स फॉर चिल्ड्रेन्स" की रिपोर्ट भारत में भुखमरी की भयावहता का आइना है।देश में आर्थिक असंतुलन बढ़ता ही जा रहा है। सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के जरिए किये जा रहे अनुपालन की कमियों को खोज कर और बेहतर कार्यान्वित किया जा सकता है। भुखमरी की भीषण स्थिति को दूर करने के लिए सरकारी,गैरसरकारी एवं निजी क्षेत्रों को युद्ध स्तर प्रयास करना चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भारत गंभीर भुखमरी और कुपोषण के से जूझ रहा है इस संबंध में पिछले सालों में अलग-अलग कई रिपोर्टें आई हैं जो भारत की गंभीर स्थिति को बताती है। भारत का यह हाल तब है जब कि देश में सरकार की तरफ से ही राशन मुफ्त या फिर कम दाम पर राशन दिया जाता है। उसके बाद भी भारत गरीबी और भुखमरी के मामले में पिछड़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकारी नीतियों में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। आखिर बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं।स्तों क्या आपको भी लगता है कि सरकार की नीतियों से देश के चुनिंदा लोग ही फाएदा उठा रहे हैं, क्या आपको भी लगता है कि इन नीतियों में बदलाव की जरूरत है जिससे देश के किसी भी बच्चे को भूखा न सोना पड़े। किसी के व्यक्तिगत लालच पर कहीं तो रोक लगाई जानी चाहिए जिससे किसी की भी मानवीय गरिमा का शोषण न किया जा सके।

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लोगों को स्वच्छता के लिए किया जागरूक, दिलाई शपथ

पहले दिन 6 हजार से अधिक बच्चों को लगाया टीका, अगला चरण 1 मार्च को होगा

जिले के 1 से 15 वर्ष आयु के सभी 11 हजार 214 बच्चों कोनलगय जायेगा टीका