नरसिंहपुर की आज हम बहनों से मिले जो शिव शंकर सो सहायता समूह में अपना कार्य कर रही है और जैसे की बड़ी पापड़ अचार इत्यादि बनाकर वह अपना एक छोटा सा स्टोन लगती हैं और उनके बनाए हुए प्रोडक्ट लोगों को पसंद भी आते हैं और हमारे यहां की हर नागरिक हर बहाने उनका सपोर्ट भी करती हैं

भारती कौरवों से वार्ता

मध्य प्रदेश राज्य के नरसिंगपुर जिला से प्रीती ने मोबाइल वाणी के माध्यम से समाज सेविका महिमा से बातचीत की। जिसमें उन्होंने जानकारी दी की महिलाएँ शिक्षित हैं, पुरुष शिक्षित हैं। लेकिन फिर भी महिलाएँ और पुरुष दोनों घरेलू हिंसा का शिकार होते हैं। लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है । जहाँ तक हमारे समाज की बात है, अगर कोई महिला शादीशुदा है, तो उसे अक्सर शादी के बाद प्रताड़ित किया जाता है, ज्यादातर दहेज के लिए। अक्सर देखा गया है की महिलाओं को महिला के द्वारा ही प्रताड़ित किया जाता है। कई महिलाएं इसे चुपचाप बर्दाश्त करती हैं लेकिन इस पर अपनी आवाज उठाना चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

पेंशनरों के हित के लिए सरकार ध्यान दें

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घरेलू हिंसा के बारे में हमने जाना और समझा और लोगों तक इसकी बात पहुंचाने की पूरी कोशिश की

अश्लीलता पर रोक लगना जरूरी

मध्यप्रदेश ,नरसिंहपुर ,नमस्कार , हम आज मोबाइल बारी नरसिंहपुर से सिम्पुगाड़ा जा रहे थे और हम कुछ बहनों से मिले और आवास योजना के बारे में पता चला । तेरा नाम क्या है मेरा नाम रमाटी माला जी मैं गाँव सिंहपुर से हूँ बड़ा जिला ना सिंहपुर जी हाँ मेरा मैंने खेत तो आवाज़ हाँ बहुत पाँच भाग चुका है महोदय , अभी तक मेरा नाम नहीं आया है और हम यह पता लगाने के लिए ग्राम पंचायत भी गए थे , इसलिए वहां उन्होंने कहा कि हम जो भी काम कर रहे हैं । अगर हम इसे भेजते हैं , तो यह ऊपर से है , हम जो कुछ भी करते हैं , अगर हम कुछ नहीं करते हैं , तो हम करेंगे , इसलिए जब हमें आना होगा , हम आएंगे । और आप पांच साल के हो गए हैं , चुनाव खत्म हो गए हैं , अभी तक कुछ नहीं हुआ है , और आप नहीं जानते कि आपकी योजनाओं को रोका जाएगा या नहीं । जब आपने फॉर्म भरा था , तो उन्होंने कहा कि आपने पूरा भुगतान आदि जमा कर दिया है । आप इसे पहले ही दो या तीन बार भर चुके हैं , हां , आखिरी की घोषणा गांव में चुनाव से पांच साल पहले की गई थी । जिन्ना के कामने नाम नहीं आया है जी तो दो बार काम भर जी तो हमने एक बार दो बार आखिरी में फिर हमने काम भर जी , क्योंकि हमारे माननीय मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर किसी का घर पक्का होना चाहिए । आवास और सभी को लाभ मिलेगा , तो आपने उन्हें यह जानकारी अपने अधिकारियों को नहीं बताई है जिन्होंने आपको वह खेत दिया है जहां आपकी मृत्यु हुई है या हमारे घर की स्थिति गांव में नहीं लाई गई है । खरब है जी बदू में मेरे मकान नया मकान बना है जी तो पक्का मकान है और वो तेरी औररे करते जी तो मेरा कच्चा मकान है जी तो पानी से चेरा बुरा हो गया है जी दीवार कभी बनाय है । मैंने आपको बताया होगा कि बारिश में मेरी दीवार कभी भी गिर सकती है । मैं वही रोम हूँ । मैं वही रोम था । कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है । आपके परिवार में कौन है ? मैं एक दुकानदार हूँ , मेरे दो बच्चे हैं , मेरे पति 2000 - 5 में एक पटरी दुर्घटना से उबर रहे हैं , इसलिए बच्चे आते हैं और कुछ करते हैं । बच्चे बहुत ठीक है , आप रोए नहीं , आप मुझे बताएं कि आपके बच्चे इस समय कितने बड़े हैं , इतने छोटे , आप रुकें नहीं , आपको अपना काम करना होगा , बस मुझे बताएं कि क्या आप अभी पढ़ रहे हैं । यदि हां , तो इसका मतलब है कि आपके अधिकार आपकी बात नहीं सुन रहे हैं और आप एकमात्र ऐसी महिला हैं जो घर में आत्मनिर्भर हैं और खुद कमा कर परिवार चला रही हैं । डायल चुनें हुआ था जी तो वह पानी के निकला जी हाँ वह से फिर दो बार चुना हुआ हुआ तो मुंबई से था जी मुंबई कुछ वर्षों के लिए मेरे घर में गिरा दिया गया था । मैं था काहलेन के बारे में पढ़ रहा हूं और फिर उसमें अपनी कुछ फाइलें खोलता हूं । मैंने अभी इसका स्वाद चखा है । मान लीजिए कि हमें कोई बीमारी नहीं है , हम समझ सकते हैं कि एक माँ ने घर नहीं बनाया है , तो आइए अपनी बात हमें बताने की कोशिश करें । वे कोशिश करेंगे कि आप घर से पढ़ाई न करें , समय के साथ उम्र बढ़ेगी , लेकिन अन्यथा वे ऐसा कभी नहीं करेंगे ।

नरसिंहपुर में कलेक्टर ऑफिस के परिसर में स्व-सहायता समूह की बहनों के द्वारा दीदी कैफ के नाम से जो कैंटीन खोली गई है उसमें आज हमने उनसे मुलाकात की और जाना कि वह खुद तो आत्मनिर्भर है और वह संदेश क्या देती है लोगों को

मध्य प्रदेश राज्य के नरसिंहपुर जिला से हमारे संवाददाता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष देवेंद्र पटेल से साक्षात्कार लिया। देवेंद्र पटेल ने बताया कि सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से पीछे हट रही है, जबकि लाखों-करोड़ों रुपए उद्योगपतियों का माफ कर रही है। सरकार की आयात - निर्यात नीति दोषपूर्ण है।महंगाई का सूचकांक सिर्फ अन्न हो ही क्यों माना जा रहा है ?बाकी अन्य चीजों के भी तो दाम बढ़ रहे हैं।क्या सिर्फ गेहूं का दाम बढ़ जाएगा तो देश में विपत्ति आ जाएगी ?गरीबों को सरकार मुफ्त राशन दे ही रही है और समृद्ध वर्ग को गेहूं , सोयाबीन , दाल,इत्यादि की कीमतों में वृद्धि होने से कोई फर्क नही पड़ेगा।देवेंद्र पटेल किसानों को मिलने वाली सब्सिडी और अनुदान के पक्षधर नही हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।