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नमस्ते , मैं नवादा जिले की नीलम कुमारी हूँ , आज मैं आपको कुछ लहसुन के बारे में बताना चाहती हूँ , इसलिए लहसुन वही है , इसकी खेती का पहले अध्ययन किया जाता है , फिर उर्वरक लगाया जाता है । इसका थोड़ा सा हिस्सा पोटाश और क्षेत्र उर्वरक में बुना जाता है और उसके बाद जिस लहसुन की खेती नहीं की जाती है , उसे लाइन दर लाइन काटा जाता है और लाइन दर लाइन पाया जाता है । यह नवंबर से दिसंबर के महीनों में बनाया जाता है और जब मार्च से अप्रैल में इसकी कटाई की जाती है , तो बहुत सारे लहसुन काम आते हैं क्योंकि आप जो कुछ भी बनाते हैं उसमें चटनी मिलाई जाती है ।

बिहार राज्य के जिला नवादा से महेश प्रसाद , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि फसल को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर नहीं बेचा जाना चाहिए ताकि किसानों को फसल उगाकर बाजार में बेचना न पड़े । किसानो को फसल की उचित मूल्य मिलना चाहिए।