बिहार राज्य के जिला नवादा से सनोज कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से जैविक खेती के सम्बन्ध में बताना रहे है।

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के हिसुआ प्रखंड से सनोज ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि अगर गर्मी बहुत लग रहा है ,पसीना आ रहा है और तेज़ बुखार है तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति को लू लगा है । ऐसे में मरीज़ को ठंडी जगह लगना चाहिए। तरल पदार्थ पिलाना चाहिए और चिकित्सीय सलाह लेना चाहिए। गर्मियों में डिहाइड्रेशन हो जाता है जिससे कई बीमारी होने की आशंका होती है। इसीलिए शरीर में पानी की समस्या न होने देना चाहिए

बिहार राज्य के जिला नवादा से सनोज कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि मोटा अनाज खाने के कई फायदे है। मोटा अनाज में कई पोषक तत्त्व होता है और पाचन को ठीक करते है।

बिहार राज्य के जिला नवादा से प्रियंका कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि लड़का और लड़की में भेद भाव नहीं करना चाहिए। लड़कियों के साथ सबसे अधिक भेद भाव किया जाता है।

बिहार राज्य के जिला नवादा से प्रियंका कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महिलाओं को बराबर अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को जितना अधिकार मिलाना चाहिए उतना नहीं मिलता है। महिलाओं को पुरुष के समान वेतन मिलना चाहिए।

बिहार राज्य के जिला नवादा से सनोज कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि धुप से बचने की कोशिश करना चाहिए। ढीला और सूती कपड़े पहनना चाहिए। पानी ज्यादा पीना चाहिए।

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के हिसुआ प्रखंड से सनोज कुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि लैंगिक समानता सत विकास से जुड़ी है और मानव विकास के लिए महत्वपुर्ण है। लैंगिक समानता का उद्देश्य एक ऐसा देश बनाना है जिसमे महिला और पुरुषों को सामान अवसर प्राप्त हो सके

बिहार राज्य के जिला नवादा से पूजा कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि भविष्य में समानताओं को खत्म करने के लिए हमें किन तरीकों का उपयोग करना चाहिए ,लड़कियों को घर पर रहना चाहिए और घर के कामों और बच्चों का ध्यान रखना चाहिए, शालीन कपड़े पहनना चाहिए और देर रात तक बाहर नहीं रहना चाहिए। स्कूल या विश्वविद्यालय से जुड़े या संबंध स्थापित करें लैंगिक असमानता के मुख्य कारणों में से एक यह है कि महिलाओं को उनके अधिकारों और समानता प्राप्त करने की उनकी क्षमता के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। जागरूकता यह है कि कमी अक्सर प्रचलित सांस्कृतिक और सामाजिक मानदंडों के कारण होती है जो यह निर्धारित करते हैं कि महिलाओं को लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए कानूनी प्रावधानों तक पहुंचने में सक्षम होने के लिए प्रमाणित किया जाना चाहिए। लिंग के अलावा, किसी देश के बजट में महिला सशक्तिकरण और कृषि कल्याण के साथ-साथ लैंगिक समानता और सामाजिक सुरक्षा कानून के लिए आवंटन के लिंग की भी पहचान की जानी चाहिए।

बिहार राज्य के नवादा जिला से पूजा कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाएं इन दिनों पुरुषों के साथ कदम-दर-कदम काम कर रही हैं। घर हो या बाहर, उनका वर्चस्व हर जगह देखा जाता है, लेकिन उसी समाज में महिलाओं का उत्पीड़न, महिलाओं का देश, महिलाओं का मानसिक शारीरिक उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव जैसी चीजें भी हो रही हैं और कई महिलाओं के लिए सब कुछ उनके जीवन का हिस्सा बन गया है लेकिन अब। अगर किसी को जीवन में आगे बढ़ना है तो इन बाधाओं को दूर करना होगा। भारतीय संविधान ने महिलाओं की सुरक्षा और समानता से संबंधित कई कानून बनाए हैं जो महिलाओं को शशक्त बनाते हैं।

बिहार राज्य के नवादा जिला के हिसुआ प्रखंड से सनोज कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिक समानता संविधान द्वारा परिभाषित समाज में पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकारों, जिम्मेदारियों और रोजगार के अवसरों को संदर्भित करती है। इसी तरह दोनों पक्षों में समान महत्व होने पर यह संतुलित होता है, किसी भी समाज और राष्ट्र में संतुलन बनाने के लिए पुरुषों और महिलाओं के बीच लैंगिक समानता स्थापित करना आवश्यक है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आज, जीवन के आधुनिक तरीके को अपनाने के बावजूद, भारतीय समाज लैंगिक समानता के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है।