विश्व हास्य दिना निमित्त श्रीमती अर्चना जानभोर गुर्वे नी हास्य-व्यंग्य कवी हरिदास गौतम, नागपुर व दिनेश मोहरील, अकोला यांची एक खास मुलाखत

पंचायत तीसरी नही पहली सरकार है - श्री सुनिल कुमार सचिव भारत सरकार

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अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर भारतनाट्यम, कत्थक एवं ओडीसी नृत्यांगना डॉ प्रियंका सिंह से एक खास मुलाकात मॉ से मिली प्रेरणा इसलिए मै आज इस मुकाम पर पहुंच पाई हुं।

आज विश्व कार्यस्थल स्वास्थ्य और सुरक्षा दिवस है। हम सभी को यह याद दिलाना चाहिए कि हमारे काम स्थलों में सुरक्षित और स्वस्थ रहना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें अपनी सुरक्षा के लिए उचित उपकरणों का उपयोग करना चाहिए और स्वस्थ रहने के लिए समय-समय पर विशेषज्ञों से परामर्श लेना चाहिए। आइए हम सब मिलकर इस संकल्प के साथ काम करें कि हम अपने काम स्थलों को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखे

स्कूल आफ एक्सीलेंस इन पंचायत NIRDPR के सलाहकार डॉ चंद्रशेखर प्राण के साथ राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस पर विशेष बातचीत

इतवारी रीवा ट्रेन का रामाकोना स्टापेज यथावत रखने हेतु रेल्वे विभाग के संज्ञान मे लायेंगे जरुरत पडी तो आंदोलन करेंगे - एल पी वाठ सेवा निवृत्त शिक्षक

कोरोना संक्रमण बचाव अभियान अंतर्गत डॉ प्रकाश इंडियन टाटा आयुर्वेदाचार्य मुंबई से विशेष बातचीत

मानव समाज धीरे धीरे बाजारों के फल फ्रूट और बड़ी बड़ी होटलों में खाना खाने की आदत डालते हुए प्रकृति से मिलने वाले अनमोल कंदमूल, फल फूल से दूरी बनाकर प्राकृतिक जीवन‌शैली को लुप्त करने की विनाशकारी मार्ग को अपनाकर बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। हम लोग‌ शहरों में बाजार से बेशकीमती फल फुल और स्वादिष्ट व्यंजन खरीद सकते हैं, लेकिन जो हमारे ग्रामीण आदिवासी अंचलों और पहाड़ी क्षेत्रों में प्रकृति से मिलने वाले अनमोल और स्वादिष्ट ऐसे फलों तेंदू टेमरा, भिमला, चार चिरौंजी महुआ आदी फल फुल जो हम लोगों को प्रकृति से सीधें प्राप्त होते हैं का सेवन करके जो आनंद मिलता है ओ लाखों करोड़ों रुपए खर्च करके भी बाजारों के फलों और‌् व्यजनों में जमीन आसमान का फर्क होता है। महुआ से दारु ही नही बहुत कुछ बनता है । महुआ के फल की सब्जी,फुल का जूस,सुखा कर , उबालकर खाया जाता है , लड्डू, ढोकला, बनाया जाता है फुल से अर्क और फल तेल भी निकाला जाता है । इसी तरह तेंदू को देशी चिकु के नाम से प्रसिद्ध प्राप्त है । वही भिमला का भी स्वाद लाजवाब है । तो चार चिरौंजी की अपनी एक अलग पहचान है देश विदेश मे भी चिरौंजी अपने विशेष गुणों के कारण पहचाना जाता है । किंतु मानव समाज का इस और कम ही ध्यान है । आज यह प्रकृति की अनमोल वनोपज लुफ्त होने की कगार पर है ।

शिवाजी निवृत्ती भक्ते यांचे दु:खद निधन ---------------------------------------- शिवाजी निवृत्ती भक्ते, उम्र 24 वर्ष बनारस , (वाराणसी) निवासी याचे बेंगलोर इथे ह्रदयविकाराने दुःखद निधन झालं. शिवाजी चेन्नई इथून BE झाल्यावर, बेंगलोर येथील TCS कंपनी मध्ये जॉब करत होता.. मुलत: हा होनहार मुलगा ग्राम पंचायत देवी जिला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश चा मुल निवासी आहे वर्तमान निवासी बनारस (वाराणसी) यांच्या दु:खद निधना वर अखिल भारतीय सुर्यवंशी लोनारे कुनबी समाज संगठना मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र शाखेने दु:ख व्यक्त केले। त्याच्या आत्म्याला ईश्वर शांती देवो..