नागपुर महाराष्ट्र से आदर्श मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे कि एक व्यक्ति अपने ज्ञान के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग करता है , लेकिन उसके साथ उल्टा होता है । और ऐसी बीमारी उत्पन्न होती है कि इस बीमारी का निदान करने वाले डॉक्टर भी गायब हो जाते हैं , यानी उन्हें नहीं पता कि कौन सी बीमारी है और कौन सी बीमारी है । यह बीमारी कायरों की तरह छिपी हुई है , कोई जानकारी सामने नहीं आती है , यह सोशल मीडिया ज्ञान के लिए नहीं बल्कि लोगों में मानसिकता पैदा करने के लिए बनाया गया है , चाहे वह फेसबुक हो या वॉट्सऐप । इंस्टाग्राम या तार या किसी भी तरह का कोई भी ऐप , मुझे नहीं लगता कि कोई मानवीय प्रगति हुई है । मनुष्य प्रगति के चक्र में फँसा हुआ है । चौबीस घंटे महिलाएं । सोशल मीडिया वॉट्सऐप पर लगा हुआ है , जो उनके दिमाग में आया , उन्हें नहीं पता , उन्हें अपने बच्चों के साथ - साथ अपने परिवार की भी परवाह नहीं है , वे सारा दिन और हर समय अपने मोबाइल फोन में बिताते हैं । चाहे वह शिक्षा हो , किस तरह के उपाय किए जाने चाहिए , इसलिए चौबीस घंटे अपना सारा समय मोबाइल फोन में अपने परिवार को अलग - थलग करके बिता रहे हैं और हमारे देश में यह काम इतनी बार क्यों हो रहा है ।

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हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए... CTA: सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

कोई अपना उम्मीदवार कैसे चुनता है? यह कोई रहस्यमयी प्रतियाँ है।जिसके बारे में हम कुछ नहीं जानते? भारत का मतदाता अक्सर चुनाव विश्लेषकों और एक्जिट पोल वालों को चकित करता आया है। आज हमारे साथ गांधी व लोहीयावादी विचारक डॉ अनुप सिंह सर के साथ मोबाइलवाणी पर विशेष बातचीत कर जानकारी साझा की।

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सावनेर मे हुई झमाझम बारिश

यूपीएससी मे चमके सौरभ, पाया देश मे दुसरा स्थान भारतीय सूचना सेवा मे हुए चयनित

बालासोर रेल हादसे में मारे गए करीब 50 लोगों की पहचान अब तक नहीं की जा सकी और उनके शव अब भी भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रखे हुए हैं। इस बीच, भुवनेश्वर नगरनिगम (बीएमसी) ने दो पीड़ितों के अवशेषों का यहां सत्य नगर श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार कर दिया है।एक अधिकारी ने बताया कि एम्स, भुवनेश्वर में हादसे में मारे गए 81 लोगों के शव रखे गए थे जिनमें से 29 शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिये की गई।खबर को पूरा सुनने के लिए ऑडियो लिंक पर क्लिक करें.