हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

जलडेगा प्रखंड के करमापानी दिगवार टोली में राजू बड़ाइक के घर को मंगलवार की रात झूठ से बिछडे एक हाथी ने नुकसान पहुंचा था बुधवार की रात पुनः हाथी ने राजू बड़ाइक के घर को क्षतिग्रस्त कर दिया

ठेठईटांगर के जोराम पतराटोली में हाथी ने एक घर को क्षतिग्रस्त कर घर में रखे अनाज खा गए घटना में आवश्यक सामान मलबे में दबाकर बर्बाद हो गए

बानो प्रखंड में हाथी का उत्पादन जारी है हर दिन हाथी घूमघूम कर ग्रामीणों के घरों को तोड़ रहे हैं

ठेठईटांगर प्रखंड के चेटमाल गांव में कृषक बंधु संस्था के सचिव प्रभात कुमार के तत्वाधान में जंगल बचाओ अभियान चलाया गया अभियान में संस्था के सचिव प्रभात कुमार ने कहा जल जंगल व जमीन हमारे जीवन का अंग है इन्हें हर हाल में बचाना है

सिमडेगा सदर प्रखंड की जोकबाहर पंचायत के थोलकोबेड़ा में गांव में ग्रामीणों की बैठक हुई बैठक में झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन संगठन व ग्राम सभा मंच के सामाजिक सलाहकार अनूप लकड़ा प्रदीप टोप्पो रोशन डुंगडुंग आदि को आमंत्रित किया गया

वन्य जीवों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी आदि अन्य खतरों पर नियंत्रण के उद्देश्य से विश्व में वन्य जीव दिवस हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है।

कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी जलडेगा प्रखंड के ओड़गा पंचायत पहुंचकर हाथी से पीड़ित लोगों से मुलाकात की

जलडेगा प्रखंड के ओड़गा में मंगलवार की रात एक हाथी ने उत्पाद मचाया हाथी ने आधा दर्जन से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर घर में रखे अनाज खा गए घर की दीवार धंसने से कई घरेलू सामान बर्बाद हो गई

जलडेगा प्रखंड की पतिअंबा पंचायत के खरवागढ़ में कृषक बंधु संस्था के सचिव प्रभात कुमार की अगुवाई में जंगल बचाओ जागरूकता अभियान चलाया गया इस दौरान पेड़ पर रक्षा सूत्र बांधकर लोगों ने जंगल बचाने का संकल्प लिया