बच्चों के विकास के चरण

आय जाति और निवास प्रमाणपत्रों के बनने में हो रही अनावश्यक देरी की शिकायतें प्रदेश सरकार के कानों तक पहुंच चुकी हैं। जिसे संज्ञान में लेते हुए प्रदेश की योगी सरकार द्वारा सख़्त निर्देश जारी किया गया है। और दोषी अधिकारियों को दंडित करने की चेतावनी दी गई है। पुलिस भर्ती के लिए आवेदन करने वालों को अंतिम तिथि से पहले अनिवार्य रूप से आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग के लोगों ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमीकली वीकर सेक्शन) को आय,जाति और निवास प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। इसके लिए लेखपालों की रोजाना उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है।हर जिले में इसके लिए नोडल अधिकारी भी तैनात होंगे। अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने मंगलवार को इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं। कहा गया है कि यूपी पुलिस भर्ती की घोषणा के बाद ईडब्ल्यूएस और अन्य जाति प्रमाण पत्र बनवाने की मांग बढ़ी है। शासन की जानकारी में आया है कि आवेदन करने वालों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। आवेदनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसलिए दलालों के सक्रिय होने और अवैध वसूली की शिकायतें भी आई हैं। इसलिए यूपी पुलिस भर्ती के मद्देनज़र सभी तरह के प्रमाण पत्रों को बनाने के लिए लेखपालों की उपस्थिति रोजाना अनिवार्य की जाए। लेखपालों के फोन नंबर भी तहसील कार्यालय में लगाए जाएं। पुलिस भर्ती के आवेदन की अंतिम तिथि से पहले हरहाल में प्रमाण पत्र बनवा कर दिए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी आवेदक से अवैध वसूली न होने पाए। इसके लिए हर तहसील में एक नोडल अधिकारी भी नामित किया जाए, जो प्रमाण पत्रों को बनवाने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करते हुए अवैध वसूली से संबंधित शिकायतों का भी समय से निस्तारण करे। इसके बाद भी अवैध वसूली संबंधी शिकायतें मिलीं तो उत्तरदायी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए।

होटल रेलवे स्टेशन की चेकिंग कर जाची सुरक्षा पुलिस ने बढ़ाई सतर्कता

गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितता एवं परीक्षा में उत्पन्न हो रही समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय की कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया। अभाविप द्वारा विभिन्न विषयों पर विश्वविद्यालय कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया जिनमें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में इस सत्र में आयोजित परीक्षाओं में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उदासीनता का उदाहरण प्रस्तुत किया गया है जिसके कारण परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों के मन में काफी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर एवं छात्रावासों में पेयजल और प्रसाधन की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। विश्वविद्यालय में परीक्षाएं तो संपन्न हो जा रही है परंतु अधिक संख्या में विद्यार्थियों के रिजल्ट अपूर्ण दिखाई दे रहा है । गोरखपुर विश्वविद्यालय के सबसे प्राचीन छात्रावास नाथ चंद्रावत छात्रावास को पिछले डेढ़ वर्ष से छात्रों से खाली कराकर पीएससी आवास के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है जिसे तत्काल पीएससी से खाली कराकर आम छात्रों के लिए आवंटित कराया जाये। अभाविप गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में व्याप्त घोर अनियमितता दुर्भाग्यपूर्ण तथा निंदनीय है, विश्वविद्यालय में आयोजित परीक्षाओं में गलत प्रश्न पत्र का वितरण छात्रों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को प्रदर्शित करता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा संचालित हो रही विद्यार्थी विरोधी गतिविधियों की कठोर शब्दों में निंदा करती है। अभाविप गोरक्ष प्रांत राज्य विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख ऋषभ सिंह ने कहा कि अभाविप ने इससे पहले भी तमाम ज्ञापनो के माध्यम से विश्वविद्यालय को समस्याओं से अवगत कराती रहती हैं परंतु समस्याओं के निवारण हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किये गये कार्य संतोषजनक नही है, यदि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र हितों से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र निवारण करता है तो विद्यार्थी परिषद आंदोलन को बाध्य होगी और जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष पीयूष मिश्रा, इकाई मंत्री चंद्रपाल यादव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शक्ति सिंह व सौम्या गुप्ता, अनुराग मिश्रा, अर्पित कसौधन, शुभम राव, आलोक गुप्ता, हर्षित मालवीय सहित आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

मौजूदा सरकार से विनम्र निवेदन

गोरखपुर महोत्सव

पौष्टिक आहार का प्रभाव

बदल रहा गोरखपुर

मकर संक्रांति 15 को मनाया जाए या 16 जनवरी को

टीम एंड रन कानून के खिलाफ फिर से हड़ताल कल से शुरू