महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज (जयपुर) की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं दूरबीन शल्य क्रिया विशेषज्ञ प्रो. फरेंद्र भारद्ववाज ने कहा कि बार-बार गर्भपात और गर्भाशय की टीबी से यूट्रस (बच्चेदानी) चिपक सकता है। इससे माहवारी कम अथवा समय से पहले बंद हो सकती है। इससे बांझपन हो सकता है। हालांकि इसका इलाज करके इसे सामान्य अवस्था में लाया जा सकता है।उन्होंने इंडियन एसोसिएशन ऑफ गाइनेकोलॉजिकल एंडोस्कोपिस्ट्स (आईएजीई) तथा वाराणसी आब्स एन्ड गायनी सोसायटी (वीओजीएस) की ओर से होटल ताज में आयोजित काफ्रेंस उन्होंने कहा कि यूट्रस चिकपने की अवस्था पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि स्त्री रोग से जुड़ी समस्याओं में करीब पांच से दस फीसदी महिलाओं में यह समस्या देखी जा रही है। इसको शुरूआती स्टेज में पहचानकर गंभीर अवस्था में पहुंचने से रोका जा सकता है। सम्मेलन में आईएजीई के अध्यक्ष डॉ पण्डित पालस्कर ने कहा कि दूरबीन से ऑपरेशन का मतलब बिना टांका का ऑपरेशन होता है। इससे बच्चेदानी की समस्या का निदान आसानी से हो जाता है। नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ अतुल गनात्रा ने कहा कि दूरबीन से ऑपरेशन अत्याधुनिक तकनीक है। यह सुविधा देश के हर नागरिक को मिलनी चाहिए। इसके लिए डॉक्टर को बेहतर प्रशिक्षण मिलना चाहिए और आधुनिक व गुणवत्तापूर्ण उपकरण होना चाहिए।