अनानास के गुण जानकर चौक जाएंगे आप, क्या आप जानते हैं ? यह हमें कई संक्रामक बीमारियों से बचाए रखने में भी है सक्षम। चाहे वह सुबह का नाश्ता हो, दिन का लंच हो या रात का डिनर, यदि यह पौष्टिकता से भरपूर हो तो तन और मन दोनों स्वस्थ रहता है। इसके लिए जरूरी है कि आप जो डाइट लें, वह आवश्यक विटामिन से भरपूर हो। यह मान्य है कि सुबह का नाश्ता आपके शरीर को इस हद तक चार्ज कर देता है कि आप दिन भर ऊर्जावान बने रहते हैं। मेडिकल साइंस के अनुसार एक हेल्दी नाश्ते में कैल्शियम, पोटैशियम या फाइबर ही नहीं, आपके नाश्ते का विटामिन सी से भरपूर होना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आप और कुछ नहीं, सिर्फ अनानास को शामिल कर लें तो आपके स्वास्थ्य के बल्ले-बल्ले हो जाएंगे। बायोमेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार प्राचीन जमाने में अनानास का इस्तेमाल जहां लोक चिकित्सा में किया जाता रहा है, वहीं नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ के मुताबिक, अनानास विटामिन सी, विटामिन-बी, फाइबर और मैंगनीज जैसे खनिजों का एक बड़ा स्रोत है, जो कि शरीर को कई संक्रामक बीमारियों से बचा कर रखने में कारगर है। यह इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है। शरीर व त्वचा की सामान्य या स्किन की सामान्य परेशानियों से भी बचाता है। आपको बता दें मध्य और दक्षिण अमेरिकी देशों में पाचन विकारों के इलाज के लिए ऐतिहासिक रूप से अनानास का उपयोग किया जाता है। आइये इसके गुणों पर और फोकस करें। बहुत मीठा होने के बावजूद इसमें कम कैलोरी होती है। इससे पेट हल्का बना रहता है। इसके एक स्लाइस में केवल 42 कैलोरी होती है, जिसमें से सिर्फ चार प्रतिशत कार्ब्स होते हैं। अनानास में फ्रूक्टोज की मात्रा अधिक होने से ये शरीर को लंबे समय तक चलने वाली उर्जा प्रदान करता है। यह न सिर्फ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में कारगर है, बल्कि शरीर को एंटीऑक्सिडेंट प्रदान करने में भी सहायक है। एक अध्ययन के अनुसार, अनानास एंटीऑक्सिडेंट का एक बड़ा स्रोत है, जो खाने में यौगिक हैं, जो शरीर में सूजन और मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं। अमेरिका के कृषि विभाग के अनुसार एक कप अनानास में 78.9 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, जो शरीर के विकास के लिए अहम है। अनानास घाव की मरम्मत से लेकर आयरन के अवशोषण तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये इतना गुणकारी है कि आपके शरीर में विटामिन सी की मात्रा को पूरा कर आपकी स्किन को ग्लोविंग और दाग-धब्बों से रहित बनाता है। सेलुलर क्षति को भी रोकता है और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों जैसे कि हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, अल्जाइमर और आंख की समस्याओं को भी ठीक रखता है। अनानास में ब्रोमेलैन भी पाया जाता है, जो ऐसे एंजाइमों का मिश्रण है, जिसका सीधा असर पाचन पर पड़ता है। नाश्ते में अनानास खाने से न सिर्फ पाचन सुधरता है, बल्कि ये पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए भी लाभकारी है। बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च इंटरनेशनल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अनानास में दस्त के प्रभाव को कम करने की भी क्षमता है। इसके साथ ही ब्रोमेलैन में लिपोलाइटिक और प्रोटियोलिटिक प्रभाव होते हैं, जो शरीर पर मौजूद एक्स्ट्रा फैट को जलाने में भी मददगार हैं। कैल्शियम के साथ ट्रेस मिनरल मैंगनीज हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी है। अनानास के एक कप में मैंगनीज के अनुशंसित दैनिक मूल्य का लगभग 76 प्रतिशत होता है। ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसार मैंगनीज ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद कर सकता है और कमजोर हड्डी को ताकतवर बनाता है।

साथियों ग्लेनमार्क फाउंडेशन आयोजित कर रहा है, देश का सबसे बड़ा पोषण से भरा कुकिंग कॉम्पटीशन ‘मेरी पौष्टिक रसोई’। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कुछ चुने हुए प्रतिभागियों को मौका मिलेगा मुंबई आकर अपनी पाक कला का प्रदर्शन करने का। और वहां जो जीता उसे मिलेगा बंपर ईनाम.. तो आइये इसके बारे में जानते है विस्तार से ...

दोस्तों, योजना का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाती है. राज्य सरकार का काम बुजुर्गों का पंजीयन करना, उनके लिए अन्नपूर्णा योजना कार्ड बनाना और राशन देना है. ध्यान रखे दोस्तों, कि इस योजना के तहत बनने वाले कार्ड का रंग सफेद होता है और कार्ड बन जाने के बाद बुजुर्ग नजदीकी सरकारी राशन दुकान से राशन ले सकते हैं. वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू होने के बाद तो यह सुविधा भी दी जा रही है, कि बुजुर्ग किसी भी राज्य में रहते हुए इस योजना के तहत राशन प्राप्त कर सकते हैं. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

दोस्तों, कोरोना संक्रमित मरीजों में सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार का होना आम लक्षण हैं, इसलिए डॉक्टर एहतियात के तौर पर उन्हें ठंडी चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं. जैसे बर्फ, ठंडा पानी, शरबत आदि. लेकिन फलों का जूस तो उनकी तबियत में सुधार लाने के लिए बहुत जरूरी है, अगर जूस में बर्फ ना डालें तो! साथ ही इसके अलावा और क्या क्या ध्यान रखना चाहिए , जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

Transcript Unavailable.

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दोस्तों, क्या आपके बच्चों को मिड डे मील नहीं दिया जाता या फिर मात्रा से कम खाना परोसा जाता है? अगर ऐसा है तो क्या आपने इस बारे में प्राचार्य या फिर विद्यालय समीति के पास शिकायत की है?और उन्होंने क्या कार्रवाई की? कोविड काल के दौरान आपके बच्चों को मिड डे मील के बदले सूखा राशन या फिर भोजन की राशि मिली? अगर हां तो क्या बच्चों को उससे पर्याप्त ​भोजन खिलाया गया? मिड डे मील योजना के बारे में अपना अनुभव और परेशानियां हमें जरूर बताएं, ताकि हमारे वॉलिंटियर आपकी मदद कर सकें. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.