छात्रों के कौशल विकास हेतु काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में फाइंडिंग इन यू कार्यक्रम किया जा रहा है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत पान की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाराणसी में आज किसानों को पान की खेती करने वाले परिक्षेत्र पर भ्रमण कराया गया किसानों ने पान की खेती करने वाले क्षेत्र में जाकर भ्रमण किया इस दौरान पान की खेती को कैसे करके मुनाफा कमाया जा सकता है। इस बारे में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान किसानों को बताया गया कि।इस दौरान किसानों ने पान की खेती करने में रुचि दिखाई। और सरकार की मदद से हम यह खेती एक बार जरूर करना चाहेंगे और अगर इसमें फायदा लगा तो आगे भी हम इस खेती से जुड़ेंगे और दूसरे किसानो को भी पान की खेती के लिए प्रेरित करेंगे वहीं सहायक उद्यान निरीक्षक रोशन कुमार सोनकर ने बताया कि बनारस में पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए हम किसानों को यहां लाए हैं ताकि वह यह जान सके की पान की खेती कैसे की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को पान की खेती करने पर लागत का 50% अनुदान दिया जा रहा है। और यहां बहुत से किसानों ने इसको करने की इच्छा जताई है।

वाराणसी : आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में सीसीएस- राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान जयपुर द्वारा प्रायोजित " सब्जी फसलों में निर्यात विपणन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर" पर तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। प्रशिक्षण के अन्तर्गत झारखंड राज्य के हजारीबाग जिले के 61 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। अपने उद्घाटन भाषण में संस्थान के निदेशक डॉ. टी.के.बेहरा ने बेहतर आय के लिए फसलों के विविधीकरण, निर्यातोन्मुख उत्पादन के बारे में वैज्ञानिक जानकारी तथा विशेषज्ञों के माध्यम से सब्जियों के प्रसंस्करण और पैकेजिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अरुण कुमार दास, प्रोफेसर और अध्यक्ष (सेवानिवृत्त), ओ.कृ.प्रो.वी.वी., भुवनेश्वर ने निर्यात की संभावना वाली बारहमासी सब्जियों के बारे में जानकारी दी। डॉ. नागेंद्र राय, अध्यक्ष, सब्जी सुधार विभाग ने अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए सब्जियों के निर्यातोन्मुख उत्पादन करने पर बल दिया। फसल सुरक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ.ए.एन.सिंह ने सब्जी निर्यात के लिए क्षेत्र में एपीडा, इसकी योजनाओं और पैकहाउसों पर ज्ञान की आवश्यकता पर जोर दिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक और समन्वयकों में से एक डॉ. भुवनेश्वरी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर प्रशिक्षण मैनुअल और तकनीकी फ़ोल्डर भी विमोचित किया गया। कार्यक्रम में समन्वयक डॉ. मंजूनाथ टी. गौड़ा और भ.कृ.अनु.सं., झारखंड के वैज्ञानिक डॉ. साहेब पाल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रधान वैज्ञानिक डॉ. हरे कृष्ण ने किया।

आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के बैरवन गांव में रेकिट इंडिया के तत्वाधान में संचालित परियोजना "डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया" के अंतर्गत डेटल डायरिया नेट जीरो कार्यक्रम के अंतर्गत बड़े पैमाने पर दस्त प्रबंधन पर जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के जब माध्यम से समुदाय को दस्त प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

लोक चेतना समिति द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर दिनाक 19 से 24 जनवरी तक चलाये जा रहे अभियान के पहले दिन आज चिरईगाँव स्थिति कार्यालय पर बलिकाओ के लिए 'जीवन कौशल एवम डिजिटल लर्निंग' बिषय पर महिलाओ एव किशोरियो के साथ प्रशिक्षण हुआ। सहायक खण्ड विकास अधिकारी श्री ओमप्रकाश यादव ने अभियान का शुभारम्भ करते हुये बालिकाओं के उज्ज्वल सफल जीवन के लिये मार्गदर्शन किया।

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