हार्दिक विश्व शौचालय महाविद्यालय एवं रैकिट इंडिया जागरण के संयुक्त प्रधान में सफाई कर्मियों का 5 दिनी प्रशिक्षण संपन्न

ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं अब खुद तैयार किए हुए सामानों की गांव- गांव बिक्री भी करेंगी। इस क्रम में ब्लॉक स्तर की 28 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें उन्नत दीदी का नाम दिया गया है। मिलिडा गेट्स फाउंडेशन से जुड़ी इमागो संस्था के सहयोग से ब्लॉक के दीपापुर में काशी प्रेरणा एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट शुरू हुई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रगति प्रेरणा संकुल समिति यूनिट का संचालन कर रही है। इसमें दाल मशीन और सूखी हल्दी, मिर्च, धनिया और बेसन की पिसाई मशीन लगाई गई है। महिलाएं खरीदारी, पिसाई, पैकेजिंग और लिखापढ़ी का कार्य कर रही हैं। अब यहां तैयार दाल, मसालों और बेसन की गांव- गांव बिक्री के लिए 28 उन्नत दीदियों ने जिम्मेदारी सम्भाली है। जिला मिशन प्रबंधक प्रदीप केशरवानी ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार उत्पादों की बिक्री बढ़ाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है।

वाराणसी मंडल की अपर निदेशक डॉ मंजुला सिंह की अध्यक्षता में हुआ आयोजन राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत मंगलवार को जनपद में कार्यरत फ्रंट लाइन वकर्स के लिए सक्षम प्रवाह, टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस, नई दिल्ली की तरफ से एक साफ्ट स्किल चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वाराणसी मण्डल कार्यालय के सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के लिए निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग के उन्मूलन करने के लिए टी०बी० के मरीजों के काउन्सलिंग प्रदान करने के लिए प्रतिभागियों को दिल्ली से आये डाँ० निधी जैन एवं डाँ० रेखा गुप्ता, कैपेसिटी बिल्डिंग लीड, सक्षम प्रवाह, टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस, नई दिल्ली द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ करते हुए अपर निदेशक डाँ० मंजुला सिंह द्वारा प्रतिभागियों से प्रशिक्षण प्राप्त कर टी०बी० मरीजों को बेहतर सेवाएं प्रदान किये जाने के लिए आह्वाहन किया गया। साथ ही संयुक्त निदेशक डाँ० एम०पी० सिंह एवं डाँ जी०सी० द्विवेदी द्वारा सभी प्रतिभागियों का आभार बेहतर टी०बी० उन्मूलन के लिए प्रदान किया गया।

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वाराणसी के जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान की ओर से पंचायत भवन में कौशल विकास प्रशिक्षण हुआ। इसमें कम्प्यूटर, हैंडीक्राफ्ट एवं हैंड एम्ब्रायडरी, सिलाई, ब्यूटिशयन ट्रेंडों की ट्रेनिंग दी गई। मुख्य अतिथि राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजीव कुमार गोंड ने कहा कि आदिवासी समाज को तकनीकी शिक्षा की बहुत जरूरत है।

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