दिव्यांग प्रकोष्ठ की ओर से दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार विधालय में जिला व महानगर का , सम्मेलन हुआ। अपने कार्यों से परिवर्तन करने वाली 11 दिव्यांग महिलाओं को कसम्मानित किया गया। सांसद खेल कूद प्रतियोगिता में प्रतिभा किया और 100दिव्यांग खिलाड़ियों को गोल्ड मेडल दिया गया। दिव्यांगों ने कहा, 'जो दिव्यांग हित की बात करेगा वही देश पर राज करेगा दिव्यांग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. उत्तम ओझा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में दिव्यांगजनों के लिए भाजपा सरकार ने जितना कार्य किया है, उतनाकभी किसी सरकार ने नहीं किया। दिव्यांगजनों का मान-सम्मान और स्वाभिमान वर्तमान सरकार में ही सुरक्षित है। महानगर संयोजक डॉ. संजय चौरसिया ने कहा कि दिव्यांगजनों को राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने का कार्य हुआ है।

आज दिव्यंगता श्राराप नहीं है। बल्कि दिव्यांग बच्चों को हुनर के लिए प्रेरित किया जा रहा है। और उनको रोजगार से जोड़ रही है। इसके लिए वाराणसी में संस्था किरन सोसायटी के कर्मचारियों ने बताया कि हम दिव्यांग बच्चों को हुनर सीखते हैं। और उनको जीने की नई राह बताते हैं। तो ऐसे ही हमारे समिति के दिव्यांग बच्चों ने वाराणसी के बीएचयू में प्रदर्शनी लगाई है। और अपने हाथों के द्वारा बनाए गए सामग्रियों को स्टॉल पर लगाया है। इस दौरान धर्मराज ने बताया कि बच्चों ने कुछ पजल्स गेम्स, रंग पजल ,सेव पजल्स बनाए हैं। इसके साथ ही बच्चों ने सिलाई से संबंधित सामग्रिया बनाई है। और बच्चों के द्वारा कई प्रकार के खिलौने बनाए गए हैं। जिसमें कई खिलौने काफी आकर्षक है। और कुछ खाने की खाद्य सामग्री बनाई गई है जिसमें पिकल्स सभी प्रकार के जेम्स और ब्रेकरी आइटम भी बनाया है। इसके साथ हम वोकेशनल ट्रेनिंग विभाग से दिलाते हैं। जिससे इन बच्चों का आईक्यू लेवल भी बढ़ता है उन्होंने बताया कि हमारी संस्था में 700 बच्चे है। जिनको अलग-अलग तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ ही लकड़ी के कार्पेंटिंग ट्रेनिंग बच्चों को दिया जाता जाता है। बताया कि बच्चों को हम 2 साल ट्रेनिंग देते हैं। और उनको इतना सिखा देते हैं, कि बच्चे अपनी आजीविका का साधन खुद से तय कर सके।

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वाराणसी में दिव्यांग लोगो कारोबार करने के लिए बाहर जाने में काफी दिक्कत होती है। मोबाइल वाणी से बात करते हुए तौहीद ने बताया कि हम लोग अपने कारोबार के लिए बाहर जाते हैं। तो हमें काफी दिक्कत होती है। जिससे हम लोग बनारस में ही सीमित रह जाते हैं । उन्होंने बताया कि रेलवे में दिव्यांग लोगों की बोगी लगी रहती है,लेकिन उन बोगियों में भी नॉर्मल पब्लिक सफर करती है। उसमें हम लोगो के लिए फ्री होता है, इसीलिए नॉर्मल पब्लिक सफर करती है । ऐसे में हम लोग कारोबार के लिए बाहर नही पाते है जिससे काफी समस्या होती है । और बहुत सारे प्रोग्राम बनारस से बाहर होते हैं तो हम लोग नहीं जा पाते हैं। जिससे हम लोग का प्रोग्राम छूट जाता है। उन्होंने सरकार से अपील भी की इसके लिए सरकार को विचार करना चाहिए।और हम लोगो की मदद करनी चाहिए।

बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में तीन दिवसीय दिव्य कला समागम शुरू हुआ। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने समागम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व और सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के दिव्यांगजनों को नई दिशा मिल रही है। राज्यमंत्री ने प्रदेश भर से आईं लगभग 40 स्वैच्छिक संस्थाओं से जुड़े दिव्यांगजनों के हस्त निर्मित उत्कृष्ट उत्पाद व बुक स्टाल की प्रदर्शनी देखी, उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने दिव्यांगजनों में 230 सहायक उपकरण (ट्राईसाइकिल, व्हील चेयर, कान की मशीन, स्मार्ट केन, एमआर किट आदि) का वितरण किया। राज्यमंत्री ने बचपन डे केयर सेन्टर के दिव्यांग बच्चों को यूडीआईडी कार्ड एवं रेलवे पास प्रदान किया। मफतलाल फाउंडेशन के तहत अमरावती बहुउद्देशीय दिव्यांग विकास संस्थान में सिलाई सीख चुकीं 42 दिव्यांग महिलाओं को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिया। दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य उत्कृष्ट कार्य करने वाली सात समाजसेवी संस्थाओं और दिव्यांगजनों को स्मृति चिह्न और अंग वस्त्र दिया।

प्रधानमंत्री ने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उनका संकल्प है कि दिव्यांग आत्मनिर्भर बनें और देश की विकास यात्रा में योगदान दें। ये बातें विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने रुद्राक्ष कंवेशन सेंटर में कही। वह आइडिया-सक्षम की ओर से आयोजित एनजीओ कनेक्ट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर विधायक व आइडिया के सीईओ मल्लिकार्जुन इयता ने धन नेटवर्क के वाराणसी चैप्टर को लॉन्च किया। इस दौरान डॉ. उत्तम ओझा, डॉ.संजय पाठक, आरपी सिंह, श्यामलाल पटेल, सुमित श्रीवास्तव, डॉ. योगेंद्र दुबे, अमित श्रीवास्तव, डॉ. योगेंद्र पांडेय, डॉ. गोविंद नारायण सिंह, डॉ.सी. तुलसीदास और शेफाली मिश्रा को सम्मानित किया गया।

गरीबों के चेहरे खिल उठा