बिहार मे किसी पत्रकार से नहीं वसूलनी चाहिए टोल टैक्स- पत्रकार शब्बीर आलम की मांग। - संवाददाता जान जोखिम भरा कार्य करते हुए समाचार संकलन हेतु खाना-पीना छोड़ समाचार संकलन करते हैं। टौल कर्मचारी अनभिज्ञ नहीं होते क्योंकि उन्हें संबंधित विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश होते हैं जो कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए। किशनगंज (मोहम्मदअजीमुद्दीन) बहुत पुरानी बातें हैं कि पत्रकार देश के चौथे स्तम्भ हैं फिर क्यों वसूली जाती हैं टौल टैक्स अक्सर दुर्घटना समाचार संकलन के लिए शीघ्रता के साथ गणतव्य स्थान पर पहुंचना अनिवार्य है। ऐसे में प्रेस कार्ड टोल कर्मी को दिखाते हैं तो हमें रोक कर कहते है प्रेस मीडिया के लिए कोई छूट नहीं है कहकर टोल कर्मी हमें भी लम्बी कतार मे लगा देते है और वसूली करके छोड़ते है जबकि अगर टोल प्लाजा पर ज्यादा भीड़ है, तो भी वेटिंग टाइम किसी भी वाहन का 10 सेकेंड से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर इससे ज्यादा वक्त लगता है तो वाहन मालिक बिना टोल टैक्स दिए वहां से जा सकता है। नियमों के अनुसार टोल कर्मी अपनी मनमानी करते हैं हमलोग लोगों की समस्याओ को प्रकाशित करते है जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करते हैं तो क्या हमें सरकार से टोल टैक्स पर छूट नहीं मिलनी चाहिए!