दोस्तों,कोरोना संक्रमण को हल्के में नहीं लेना है बल्कि उसके खिलाफ हमारी जंग अभी भी जारी है. इसलिए लगातार साबुन से हाथ धोते रहें, मास्क का उपयोग करें और शारीरिक दूरी का पालन करें. साथ ही हमें बताएं कि क्या आपके समुदाय में लोग अभी भी इन बातों का ख्याल रखे हुए हैं? आप खुद को और परिवार को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखते हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों , अगर आप लोग चाहते हैं कि परिवार में सभी मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहें तो अपनी सोच सकारात्मक रखो. भरपूर नींद लोग और योग, ध्यान जैसी गतिविधियां करनी शुरू करो. और एक बात का ध्यान रखना... शराब, तम्बाखू या किसी भी प्रकार के नशे से खुद को और परिवार को दूर रखना. ये चीजें शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती हैं. साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर करेंगी. जिससे कोविड के प्रति लड़ना मुश्किल हो जाएगा. ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें .

एक जरूरी बात. बच्चों के सामने कोविड संक्रमण या फिर किसी भी प्रकार की नकारात्मक बातें ना करें. संक्रमण के प्रति उनके मन में डर ना बिठाएं, बल्कि उन्हें प्यार से समझाएं कि कोविड संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है और ये क्यों जरूरी है. जितना हो सके, घर का माहौल सकारात्मक रखें और खुद को भी शांत रखें. इससे ना केवल बच्चे मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे बल्कि आप भी खुश रहेंगे.. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें !

दोस्तों, मालुम है , स्वास्थ्य विशेषज्ञ समुदाय का कहना है कि शराब पीने या फिर धूम्रपान करने से शरीर के उस तंत्र में बाधा होगी जिसमें कोविड-19 वैक्सीन के बाद एंटीबॉडी का उत्पादन होने की उम्मीद है।डॉक्टर्स का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति कोविड-19 वैक्सीन लेता है और उसके बाद धूम्रपान या शराब पी लेता है, तो इससे एंटीबॉडी के उत्पन होने में बाधा आएगी और जिस स्तर की एंटीबॉडी की ज़रूरत है उतनी शरीर को नहीं मिल पाएंगी . और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

दोस्तों, कोरोना की बूस्टर डोज तो कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद ही लगाई जाती है. ये कोरोना से बचाव का नया और मजबूर सुरक्षा चक्र है. बूस्टर डोज लेने से कोरोना संक्रमित के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना बेहद कम हो जाती है. भारत सरकार ने 18 से 59 साल की उम्र के लोगों के लिए कोरोना का बूस्टर डोज मुफ्त में लगवाने का अभियान शुरू किया है. इसके तहत 75 दिनों तक बिना पैसे दिए सरकारी केंद्रों पर ये बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है.

दोस्तों, 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना का टिका लगना शुरू हो गया है। लेकिन क्या हमारे आसपास के लोग इसके बारे में जागरूक है। सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

दोस्तों, सही जानकारी ना हो तो कितनी परेशानी हो जाती है... अभी सुना ना आपने. इसलिए तो कहते हैं कि हर बात को वेरीफाइ जरूर करें. खैर अब आप बताएं कि अगर आपके घर में या आसपास कोई कोरोना संक्रमित हो तो उसकी मदद कैसे करेंगे? संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण दूसरों में ना फैले इस​के लिए कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए? अगर आपके आसपास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति है तो उसके साथ सभी का व्यवहार कैसा है? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों, संयुक्त राष्ट्र, हमारी सरकार और कई स्वयंसेवी संगठन इसी कोशिश में लगे हुए हैं कि देश के ज्यादा से ज्यादा लोग कोविड बचाव टीके की दोनों खुराकें ले लें! ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकते. लेकिन टीका लेने के बाद लोग कोविड संक्रमण से बचाव के प्रति लापरवाह हो जाते हैं और फिर होते हैं कोरोना का शिकार! पर अगर ठीक से देखभाल की जाए तो संक्रमित व्यक्ति जल्दी ही स्वस्थ हो जाता है... कैसे? आइए जानते हैं कार्यक्रम वेरीफाइड की इस कड़ी में...

दोस्तों, कोरोना का खतरा अब पहले जैसा नहीं है. लोग अस्पताल कम पहुंच रहे हैं पर इसका मतलब ये नहीं कि कोरोना जड़ से खत्म हो गया है और खतरा अभी टला नहीं....! अगर आप भी कोरोना को हल्के में ले रहे हैं तो जरा हमारे राजू और पंकज से सबक ले लीजिए..!

साथियों, जब वैक्सीन बनाई जाती है तो उसमें किसी जीव के कुछ कमज़ोर या निष्क्रिय अंश होते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं. ये शरीर के 'इम्यून सिस्टम' को संक्रमण की पहचान कर उनके ख़िलाफ़ शरीर में एंटीबॉडी बनाने में मदद करते हैं. वैक्सीन लगने के कुछ वक़्त बाद ही आप उस बीमारी से लड़ने की इम्यूनिटी विकसित कर लेते हैं. कोविड वैक्सीन भी हमारे शरीर में यही काम करती है. ऐसे में अगर किसी को कोरोना हो भी जाए तो वह जल्दी ही उससे ठीक हो जाता है . साथियों, हमें ये बताएं कि आपके आसपास के लोग कोविड बचाव वैक्सीन के बारे में क्या सोचते हैं? और कोरोना के मामले कम होने के बाद लोग किस तरह की लापरवाही बरत रहे हैं? कहीं आप भी तो कोरोना को हल्के में नहीं ले रहे? खैर कोविड वैक्सीन के बारे में अपनी राय, सुझाव, अनुभव और किस्से... जो भी हैं.. उन्हें हम तक पहुंचाएं. ताकि और लोग भी उसे सुन सकें, सीख सकें.