दोस्तों, , कोरोना संक्रमण का असर 2 सप्ताह या अधिकतम 1 माह में खत्म हो जाता है. इसके बाद जैसे ही पीडित की रिपोर्ट नेगेटिव आती है, उस समय से 3 माह बाद कोरोना टीके की पहली डोज लगवा सकते हैं .

अगर अभी तक आप कोरोना टीका लेने से घबरा रहे हैं तो देर मत कीजिए.... जल्दी से किसी डाॅक्टर, आशा कार्यकर्ता या फिर स्वास्थ्य कर्मचारी की सलाह लें... ना कि सोशल मीडिया या फिर इधर-उधर से सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करें. साथ ही हमें बताएं कि आप कैसे कोरोना टीके से जुडे मिथकों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं? क्या इस काम में आपको प्रशासन की ओर से कोई मदद मिल रही है? और अगर आप कोरोना का टीका लगवा चुके हैं तो अपना अनुभव हमारे साथ साझा करें. अपनी बात रिकाॅर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों, सरकार के प्रयासों से देश की अधिकांश जनता ने कोविड टीके की दोनों खुराके ले ली हैं पर फिर भी हमारे बीच कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हो रहा है. इसकी वजह है कि अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कोरोना टीके के बारे में भ्रमित हैं... यानि अफवाहों के चलते उन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया है. जिसकी वजह से हमारे समाज में अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

दोस्तों, कुछ लोगों को ये गलतफहमी होती है कि कोविड बचाव का टीका लगवा लेने के बाद अब उन्हें संक्रमण नहीं होगा. इसलिए वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर चले जाते हैं. जबकि यह बात समझना चाहिए कि टीका संक्रमण के प्रभावों को कम करता है. संक्रमण से बचाव के लिए अभी भी हमें भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए. जितना ज्यादा हो सके, सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना चाहिए. फिर भी समुदाय में अलग लोगों को बाहर जाना ही है तो वे मास्क पहनकर जाएं. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

दोस्तों,कोविड का टीका हर तरह के परीक्षण के बाद तैयार किया है और फिर आम नागरिकों तक पहुंचा है. असल में कोरोना का टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है. इससे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता. टीके के प्रभाव से कुछ लोगों को हल्का बुखार या फिर टीका लगने वाले स्थान पर दर्द हो सकता है लेकिन यह क्षणिक है. यानि एक दो दिन में खुद ठीक हो जाता है. इससे ना तो माहवरी बंद होती है ना ही उस दौरान दर्द होने जैसी कोई समस्या आती है. और ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें .

दोस्तों, हम पुरानी परम्परा रही है कि किसी भी नवजात शिशु को 6 दिन तक किसी अन्य व्यक्ति के हाथ में नहीं दिया जाता. ताकि गंदे हाथों की वजह से उसे संक्रमण न हो जाए. साथ ही लोगों को हिदायत दी जाती है कि बच्चे को गोद में लेने से पहले हाथ जरुर साबुन से साफ करें. पर कई बार देखा जाता है कि लोग इस नसीहत को गंभीरता से नहीं लेते. कोरोना के दौरान भी तो यही हुआ...! घर की महिलाओं और नवजात शिशुओं की मांओं के लिए हाथ धोना क्यों जरूरी है, इस बारे में आज राजू और पंकज के साथ साथ आप भी जान लें...!

दोस्तों, क्या आप कोविड नियमों या फिर प्रोटोकॉल... जैसे मास्क लगाना, शारीरिक दूरी का पालन करना और सैनेटाइजर का उपयोग करने की बात मान रहे हैं? आपके समुदाय में लोग कैसे खुद को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रख रहे हैं? इसके साथ ही बताएं कि सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना से बचाव को लेकर हमें क्या क्या ध्यान रखना चाहिए? अपने आसपास या समुदाय में लोगो को कोरोना से जागरूक रखने के लिए आप क्या कर रहे है? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3..

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दोस्तों,कोरोना संक्रमण को हल्के में नहीं लेना है बल्कि उसके खिलाफ हमारी जंग अभी भी जारी है. इसलिए लगातार साबुन से हाथ धोते रहें, मास्क का उपयोग करें और शारीरिक दूरी का पालन करें. साथ ही हमें बताएं कि क्या आपके समुदाय में लोग अभी भी इन बातों का ख्याल रखे हुए हैं? आप खुद को और परिवार को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखते हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों , अगर आप लोग चाहते हैं कि परिवार में सभी मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहें तो अपनी सोच सकारात्मक रखो. भरपूर नींद लोग और योग, ध्यान जैसी गतिविधियां करनी शुरू करो. और एक बात का ध्यान रखना... शराब, तम्बाखू या किसी भी प्रकार के नशे से खुद को और परिवार को दूर रखना. ये चीजें शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती हैं. साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर करेंगी. जिससे कोविड के प्रति लड़ना मुश्किल हो जाएगा. ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें .