हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि जब उनके बच्चों को कहानी के माध्यम से बहुत सी जानकारियां देती हैं

इंदरपुरी से हमारी श्रोता, मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उन्हें खेले सब संग का कार्यक्रम अच्छा लगा। वो कार्यक्रम सुन कर ही अपने बच्चे को समझाती है और उनके बच्चे भी कुछ हद तक समझते भी है।

क्या आप समझे कि बच्चों की भावनाओ को मान्यता देना ज़रूरी है। फोन पर नंबर 3 दबाव और हमें बताओ कि आप क्या कह कर अपने बच्चे की भावनाओ को मान्यता और उन्हें व्यक्त करने के विश्वास को बढ़ावा देते है

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अक्सर छोटे बच्चों के पास अपनी भावनावों को व्यक्त करने के शब्द नहीं होते और वो अपने कुछ अलग कभी अज़ीब व्यवहार से व्यक्त करते है। फ़ोन पर नंबर 3 दबाव और हमें कोई ऐसा किस्सा बताओ जब आप अपने बच्चे के व्यवहार से उसकी मन की भावना को समझे और कैसे ?

हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बच्चों की भावनाओं को पहचानना और उनकी हर एक गतिविधियों का ख़्याल माँ को ही रखना पड़ता है

हमारी श्रोता सरिता देवी ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि खेले सब संग का कार्यक्रम उन्हें बहुत पसंद आ रहा है। उनके बच्चों को इससे सीख मिलती है

प्रिय देखभालकर्ता ,अपने बच्चे से हर तरह की भावना पर बातचीत करना और भावनाओं को समझने , सँभालने के तरीक़े प्रैक्टिस करना ज़रूरी है। चाहे वो भावना छोटी,बड़ी,सरल व कठिन हो। फ़ोन पर नंबर तीन दबाए और हमे बताए कि क्या आपने कभी अपने बच्चे से किसी अपने की मृत्यु या किसी खास व्यक्ति या चीज़ के खो जाने से जुड़ी भावनाओं पर बातचीत करी है ,और अगर हाँ ,तो फिर कैसे ?

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