कंचन देवी खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि खेले सब संग कार्यक्रम बहुत अच्छा लगता है। बच्चों के साथ खेलने से बच्चे और माता -पिता के बीच का संबंच बहुत मजबूत होता है ,बच्चों में माता -पिता के प्रति सम्मान बढ़ता है ,बच्चों के अंदर का डर भी निकल जाता है। जिसके बाद बच्चे भी माता पिता से अपनी सारी बाते व समस्याओं को बताते हैं। माता -पिता को भी बच्चे के भावनाओं को कदर करनी चाहिए

पंकज शर्मा ने खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि वे अपने बच्चे को खेल खेल में पज़ल खेलना सिखाते हैं

नरेला ए 4 से हमारी श्रोता , खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि अक्षर और अकार के ज्ञान के लिए घर में रखे वस्तुओं के द्वारा समझाती हैं रैंकों के ज्ञान के लिए घर में रखे मसाले ,सब्ज़ियाँ ,कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं।

त्रिलोकपुरी से अनीता,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को गिनती करवा रहे है ,वर्णमाला के अनुसार चीज़ों के बारे में जानकारी भी दे रहे है। इससे बच्चा खेल खेल में गिनती ,रंग और चीज़ों को पहचानना सीख रहा है।

हमारे श्रोता सत्य प्रकाश ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि खेल से बच्चों और अभिभावक का रिश्ता मज़बूत होता है। बच्चों के साथ समय बिताते है तो खेल के ज़रिये बच्चे अच्छी तरह से सीख जाते है।

शालीमार बाग के सी ए ब्लॉक से सरोज,खले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उनका बेटा देव बहुत शरारती है। वो बिलकुल भी पढ़ना नहीं चाहता है। उन्हें यह जानना है कि बेटे से वो किस प्रकार व्यवहार करें,उसे कैसे कुछ सिखाए ?

हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें कहानी के माध्यम से बच्चों के साथ खेलने की सीख मिल रही है

दिल्ली के धोबीघाट से सोनी,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें खेले सब संग के कार्यक्रम बहुत पसंद आया

हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि छोटे बच्चों के साथ तरह तरह खेल खेलने चाहिए जिनसे उन्हें कुछ सिख मिल सके

हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि उन्हें बच्चों के साथ मिलकर खेलना बहुत अच्छा लगता है