नरेला जी 6 से सुनीता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि जब उनका बच्चा बहुत घबराता है या डरता है तो वो अपने बच्चे को उसकी पसंद की बातें कहती है। उसे कूदने,दौड़ने को कहती है। वो बच्चे के साथ हस्ती है ताकि बच्चा भी हसे और उसकी घबराहट दूर हो जाए

हमारे श्रोता मोहन भारत प्रसाद ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि उनके बच्चे जब गुस्सा हो जाते है तो वो घोड़ा बन कर उन्हें खेलाते है,इससे बच्चे हसने लगते है। वे अपने बच्चों को खेल सिखाते है

हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि उन्हें खेले सब संग कार्यक्रम से सिखने को मिलता है तथा वो अपने बच्चों को भी सिखाती हैं

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हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि उन्हें बच्चों के साथ समय बिताने में अच्छा लगता हैं

खेले सब संग की कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अगर बच्चे किसी बात से चाहे बोलने से या कोई कार्य करने से घबरा रहे है तो अभिभावकों को बच्चों को हिम्मत देनी चाहिए। उनकी सहायता करनी चाहिए

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हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि उनकी बेटी जब डर जाती है तो वो उसके भावनाओं को समझती हैं

हमारे श्रोता राजेंद्र ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उन्हें खेले सब संग की कहानी अच्छी लगती है। वो बच्चों के साथ खेले सब संग की कहानी सुनते है

ममूरा के गली नंबर 7 से सरिता देवी ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि खेले सब संग की कहानी सुनने में बहुत अच्छा लग रहा है