एक वर्ष पहले लॉक डाउन चल रहा था। सब काम में प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। अचानक 2021 में उत्तरप्रदेश की बारी आई तो वह मृत की लाशों को हटाने का काम नहीं हो रहा था। जिसमे लोगों की चर्चा शुरू हुई। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में कुछ लोगों को बोलने का अधिकार नहीं है