विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर को पूरी दुनिया में यह विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है।[1] जीवन के लिए ऑक्सीजन से ज्यादा जरूरी ओजोन है। मुख्यतया इस दिवस का आयोजन करने की वजह यह है कि ओजोन परत के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसे बचाने के समाधान की ओर ध्यान एकत्रित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। ओजोन क्या है? यह ऑक्सीजन के 3 परमाणु से मिलकर बना हुआ एक प्रकार की गैस है जो वायुमंडल में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है या समुद्र तट से 30 या 32 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसकी क्षमता अधिक होती है। यह तीखे गंद वाली विषैली गैस है जिसका आईपीसी नाम tricks John है, इसका घनत्व 2.14 किलोग्राम/ मीटर क्यूब होता है। विश्व ओजोन दिवस 1957-2001 में दक्षिणी गोलार्ध पर ओजोन छिद्र अनुयायी संयुक्त राष्ट्र के सदस्य तिथि 16 सितंबर आवृत्ति वार्षिक प्रथम बार 1994
खंडवा मोबाइल वाणी पर एक श्रोता ने अपने अनुभव को हमारे साथ साझा किया
आयुष्मान भव: अभियान का वर्चुअल शुभारंभ देश राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपति मुर्मू द्वारा रिमोट दबाकर किया गया l यह अभियान 17 सितंबर से 31 दिसंबर तक जिले में चलाया जाएगा l यह अभियान चार चरण में चलेगा l पहले सेवा पखवाड़ा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2023 तक चलेगा l जिसमें स्वच्छता अभियान स्वास्थ्य संस्थानों में साफ- सफाई l रक्तदान शिविर आयोजित करना। अंगदान अभियान में घोषणा और सहमति प्राप्त होने इन्हें पंजीकृत कराया जाएगा। दूसरे चरण आयुष्मान आपके द्वार 3.0 के तहत शेष रहे हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। तृतीय चरण आयुष्मान मेला हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर ,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर किए जाएंगे। चौथे चरण में 2 अक्टूबर को प्रत्येक ग्राम पंचायत में आयुष्मान सभा आयोजित की जाएंगी। इसका उद्देश्य आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी, एनसीडी स्क्रीनिंग, सिकल सेल एनीमिया, टीकाकरण और टीबी बीमारी जैसी सेवाओं में जागरूकता लाना है। आयुष्मान भव: अभियान का सेवा कार्य है जो कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर सेवा कार्य किया जा रहा है। अभियान के दौरान प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जाएगा। जिसमें मेडिकल कॉलेज के विषय विशेषज्ञ द्वारा जांच की जाएगी। संबंधित अस्पतालों में इलाज कराया जाएगा।
उज्ज्वला 2.0 के तहत कनेक्शन लेने के लिए पात्रता मानदंड आवेदक की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए (केवल महिला)। एक ही घर में किसी भी ओएमसी से कोई अन्य एलपीजी कनेक्शन नहीं होना चाहिए। निम्नलिखित श्रेणियों में से किसी से संबंधित वयस्क महिला - अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी), अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई), चाय और पूर्व चाय बागान जनजातियां, वनवासी, द्वीप और नदी द्वीप समूह में रहने वाले लोग, एसईसीसी परिवारों (एएचएल टिन) या 14 सूत्री घोषणा के अनुसार किसी भी गरीब परिवार के तहत सूचीबद्ध हैं। आवश्यक दस्तावेज़
Khandwa
भारत दुनिया का 13वां देश बन गया है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी (OIML) प्रमाणपत्र जारी कर सकता है। यह घोषणा केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा 14 सितंबर को नई दिल्ली में की गई थी, जो भारत की मेट्रोलॉजिकल क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित करता है। भारत का नया प्राधिकरण: उपभोक्ता मामलों के सचिव, रोहित कुमार सिंह ने खुलासा किया कि इस नए प्राधिकरण के दूरगामी प्रभाव होंगे। यहाँ बताया गया है कि कैसे: 1. वजन और मापने के उपकरण निर्माताओं को प्रोत्साहित करना: सिंह ने जोर देकर कहा कि यह कदम भारत में काम करने के लिए उपकरण निर्माताओं को आमंत्रित करने के रूप में काम करेगा। घरेलू और वैश्विक दोनों निर्माता अब देश के भीतर अपने वजन और मापने वाले उपकरणों का परीक्षण कर सकते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार की बिक्री के लिए दरवाजे खुल सकते हैं। इससे पहले, चीन और जापान सहित 12 देशों में से एक में परीक्षण किया जाना था। 2. आर्थिक लाभ: इस विकास से भारत के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ उत्पन्न होने की उम्मीद है सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं के लिए परीक्षण सुविधाओं की पेशकश करके, भारत न केवल राजस्व उत्पन्न करेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। 3. OIML के साथ लंबे समय से चली आ रही सदस्यता: OIML के साथ भारत की सदस्यता 1956 से है, जो अंतरराष्ट्रीय मेट्रोलॉजिकल मानकों के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस नए प्राधिकरण के साथ, भारत वजन और माप के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत OIML प्रमाण पत्र जारी कर सकता है, जिससे दुनिया भर में ऐसे उत्पादों की बिक्री हो सकती है। 4. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाना: अंतरराष्ट्रीय बाजार में वजन और माप बेचने के लिए ओआईएमएल पैटर्न अनुमोदन प्रमाण पत्र अनिवार्य हैं। भारत में उपभोक्ता मामलों का विभाग अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं के लिए प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए इन प्रमाणपत्रों को जारी कर सकता है। 5. घरेलू निर्माताओं के लिए लागत बचत: घरेलू निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ अतिरिक्त परीक्षण शुल्क के बिना विश्व स्तर पर अपने वजन और मापने वाले उपकरणों को निर्यात करने की क्षमता है। इससे लागत में काफी बचत होती है, जिससे भारतीय उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाते हैं।
एमपी खुलेगा पहले सहकारिता विश्वविद्यालय, इन्दौर या भोपाल में
पैसा कानुन
एमपी गवर्नमेंट फॉरेस्ट गार्ड्स को भी पुलिस जवानों की तरह पोषण आहार भत्ता प्रदान करेगी....