हिस्टोपैथोलॉजी लैब में जब भी कोई सैंपल यह स्पेसिमेन आता है आने पर सबसे पहले उसका फिक्सेशन किया जाता है उसके बाद टिशु प्रोसेसिंग उसे की जाती टिशु प्रोसेसिंग क्यों की जाती है तो टिशु से वाटर को रिमूव करने के लिए टिशु प्रोसेसिंग की जाती है टिशु प्रोसेसिंग तू मैटर से की जाती है टिशु प्रोसेसिंग ऑफ़ टिश्यू बाय मैन्युअल मेथड और टिशु प्रोसेसिंग ऑफ़ टिश्यू में ऑटोमेटिक मेथड टू मैन्युअल मेटल फोर टाइप्स होती है क्लीयरिंग इंप्लीकेशन इनफील्ट्रेशन एंबेडिंग रिक्वायरमेंट 90% अल्कोहल 80% अल्कोहल 30% अल्कोहल वॉल्यूम की वॉल्यूम 50% अल्कोहल वॉल्यूम की वॉल्यूम कॉपर सल्फेट चाइल्ड इन पैराफिन वैक्स एंबेडिंग ओवन लीड पेंसिल और एंबेडिंग बॉक्स क्लीयरिंग किस टाइप में सायरन का उसे किया जाता है क्योंकि जो चैलेंज होता है वह क्लीयरिंग एजेंट का वर्क करता है यह अल्कोहल को रिप्लेस करने में हेल्प करता है जिससे पैराफिन वैक्स के लिए स्पेस हो जाता है और इंप्लीकेशन के बाद पैराफिन वैक्स के लिए स्पेस बन जाता है