झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के चंद्रपुरा प्रखंड के तुरिया ग्राम से जे एम रंगीला ,मोबाइल वाणी के माध्यम से हरकलाल महतो से बातचीत की। ये कहते है कि पलटीमार नेता लाचार रहते है। लाचार हो कर ही नेता पलटी मारते है। जिस पार्टी में सालों से रहते है ,वहां मानसम्मान नहीं मिलने पर वो दूसरी पार्टी में जाते है। जिस पार्टी में नेता को मदद मिलेगा वही जाने का प्रयास करते है ,लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है। दूसरे दल में जाने से होता है कि नेता दूसरे के अधीन हो जाते है। नेता नहीं जानते की वहां उन्हें सम्मान मिलेगा या नहीं ,तब भी वो पार्टी में पहचान बनाने पर रहते है। जिससे वो लोगों को मदद कर सके। नेता प्रयास तो करते है लोगों की मदद करने का पर पार्टी की सहायता नहीं मिलने पर कुछ नहीं हो पाता है। इस कारण राजनीति में जीरो की स्थिति में पहुँच जाते है