हमारे श्रोता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि धर्म का प्रचार करना बुरा नहीं है। कुछ दिनों पहले बाबा के कार्यक्रम में भीड़ जुटी और किसी कारण भगदड़ मची जिसमे कई लोग घायल हो गए। इसमें प्रशासन की लापरवाही अधिक होती है। ऐसे कार्य प्रयोजन में प्रशासनिक अनुमति ली जाती है और अनुमति में दर्शाया जाता है कि कितनी भीड़ इस कार्यक्रम में होगी। पर प्रशासनिक अमला अनुमति तो दे देती है पर निगरानी नहीं रखती है। जिस वजह से इस तरह की घटनाएँ अक्सर सुनने को मिलता है। जहाँ भगदड़ मची थी वह अनुमति से अधिक लोगों की भीड़ हो गई थी ,अगर प्रशासन इसकी निगरानी रखता तो इस तरह का घटना नहीं होता। किसी व्यक्ति को धर्म का प्रचार प्रसार करने पर रोक नहीं है पर कार्यक्रम आयोजित करते वक़्त नियमों की देखरेख करना ज़रूरी है।