हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बूथ कैप्चरिंग की परंपरा हमारे लोकतान्त्रिक देश में बहुत पहले शुरू हुई। पहले बैलेट व्यवस्था में बैलेट छीन लिया जाता है। आज अलग है। आज जिस क्षेत्र में जिसकी सरकार रहती है ,वहां प्रशासन उसी की सुनती है। ऐसी घटनाएँ कई जगह होती है। ज़िला के निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा ईवीएम मशीन बदलने का मामला भी सामने आता है। यह लोकतंत्र के साथ गलत खेल हो रहा है ,इसमें जनता जिसको चुनना चाहती है ,वो चुन नहीं पाती है