बिहार से बेबी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहीं हैं कि, इन्हें हुनरबाज़ का फेर बदल वाला कार्यक्रम अच्छा लगा और इन्होने इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर अपना चूल्हा बदला। पहले ये लकड़ी में खाना बनाती थीं जिस से समय भी अधिक लगता था और धुआं के कारण बिमारी भी होती थी। लेकिन अब गैस की वजह से समय और सेहत दोनों की बचत होती है