दोस्तों, क्या आपके बच्चों को मिड डे मील नहीं दिया जाता या फिर मात्रा से कम खाना परोसा जाता है? अगर ऐसा है तो क्या आपने इस बारे में प्राचार्य या फिर विद्यालय समीति के पास शिकायत की है?और उन्होंने क्या कार्रवाई की? कोविड काल के दौरान आपके बच्चों को मिड डे मील के बदले सूखा राशन या फिर भोजन की राशि मिली? अगर हां तो क्या बच्चों को उससे पर्याप्त ​भोजन खिलाया गया? मिड डे मील योजना के बारे में अपना अनुभव और परेशानियां हमें जरूर बताएं, ताकि हमारे वॉलिंटियर आपकी मदद कर सकें. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह पंचायत से सुखलाल रविदास की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सहदेव ठाकुर से हुई। सहदेव ठाकुर कहते है कि उनको वृद्धा पेंशन नहीं मिल रहा है

हमारी श्रोता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है कि उनको राशन मिलता है परन्तु राशन कार्ड में परिवार के कुछ सदस्य का नाम चढ़ाना है। उनके परिवार में सात सदस्य है।

बिहार राज्य के जमुई जिला के चकाई प्रखंड से सुखलाल रवि दास मोबाईल वाणी के माध्यम से जानना चाहते हैं कि जिसके पास पी एस एफ कार्ड हो क्या उसे भी एक देश एक राशन कार्ड बनवाना पड़ेगा

दोस्तों, यह व्यवस्था बायोमैट्रिक सिस्टम पर आधारित है. इससे राशन कार्ड धारक की पहचान उसकी आंख और हाथ के अंगूठे से होती है. इस योजना से देशभर के 32 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जुड़ चुके हैं. अगर कोई राशन कार्ड धारक दूसरे शहर जा रहा है तो वह 'मेरा राशन ऐप' पर खुद रजिस्टर कर के जानकारी दे सकता है. रजिस्ट्रेशन करने बाद उसे वहीं राशन मिल जाएगा. इसके साथ ही प्रवासी लाभार्थियों को इस ऐप के जरिए पता करना आसान होगा कि उनके आसपास पीडीएस के तहत संचालित राशन की कितनी दुकानें हैं. कौन सी दुकान उनके सबसे ज्यादा करीब है, यह भी आसानी से पता लगाया जा सकता है. दोस्तों, अगर आप कार्ड बनवा चुके हैं तो क्या आपको समय पर राशन मिल रहा है? और क्या आपको एक देश एक राशन कार्ड योजना के बारे में जानकारी थी? अपनी बात हम तक जरूर पहुंचाएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों , ई—श्रम कार्ड पूरे देश में मान्य होगा और इससे मजदूर साथियों को दूसरे राज्यों में काम मिलने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी. इसलिए आप भी ये कार्ड जरूर बनवा लें. साथ ही अगर आपको ई—श्रम कार्ड बनवाने में कोई भी परेशानी आ रही है तो मोबाइलवाणी आपका सहयोग करेगा. हमारे वॉलिंटियर दिल्ली, एनसीआर समेत और दूसरे राज्यों में भी श्रमिको का ई—श्रम कार्ड बनवाने में मदद कर रहे हैं.

दोस्तों, क्या राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आपका खाता खुला है ? क्या आप राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली योजना का लाभ लेना चाहते हैं पर इसके बारे में और ज्यादा जानकारी के इच्छुक हैं? अगर ऐसा है तो अपने सभी सवाल और समस्याओं को हमारे साथ साझा करें. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3

दोस्तों, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना की शुरूआत केन्द्र सरकार ने साल 2009 में की थी. इस योजना की देखरेख का जिम्मा केंद्र सरकार की अध्यक्षता में ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास है. और मंत्रालय ने राज्यों के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्‍तजन कल्‍याण विभाग के जिला और ब्लॉक स्तरीय कार्यालयों को ये जिम्मेदारी सौंपी है कि वे अपने क्षेत्र के जरूरतमंद दिव्यांगों को इस योजना का लाभ दिलवाएं. क्या आपके पास आवेदन करने के लिए पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं? अगर ऐसा है तो क्या गांव के मुखिया या फिर प्रखंड पदाधिकारी आपकी मदद कर रहे हैं? यदि आप राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना का लाभ लेना चाहते हैं लेकिन उसमें दिक्कत आ रही है तो इसके बारे में हमसे बात कर सकते हैं.

बिहार राज्य के जमुई जिला के चकाई प्रखंड से अंजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि बिहार में विधवा और वृद्धा पेंशन की राशि कम है। बिहार में वर्तमान में वृद्धा पेंशन 400 रूपए मिलत है और विधवा पेंशन 500 रूपय मिलती है। लेकिन अगर वहीं बात की जाये झारखण्ड में,की तो , वहां पर पेंशन की राशि 1000 रुपये है। अत : बिहार में भी पेंशन की राशि कम से कम 1000 रुपये होना चाहिए।

बिहार राज्य के जमुई जिला के चकाई से बिनीता मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि बिहार में वृद्ध लोगों को कम पेंशन दिया जा रहा है। इस बढ़े हुये महँगाई में उन्हें इतना कम पेंशन दिया जा रहा है जिसके वजह से उन्हें परेशानी हो रही है