झारखंड राज्य के जिला चतरा से शोभा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि सरकार द्वारा कार्डधारी को राशन देने की बात कही गई है लेकिन इनके यहाँ कोई लाभ नहीं मिल रहा है।वही राशन डीलर द्वारा मनमानी ढंग से राशन दे रहे है। डीलरों द्वारा किसी को दो किलों तो किसी को चार किलों राशन दिया जा रहा है।इसलिए इनका कहना है कि सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए ताकि योजना का लाभ सभी को मिल सके

झारखण्ड राज्य के चतरा जिले से अनीता ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि मुखिया होने के कारण ये अपने परिवार को समय नही दे पाती थीं। कोरोना महामारी के कारण परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिला। साथ ही इनका कहना है कि महिला मुखिया होने के नाते अपने पंचायत में आदिम जान जातियों के बिच में निजी खर्चे से साबुन,सेनेटाइजर,खाद्यसामग्री और वस्त्र वितरण किए। बाहर घूमती महिलाओं को लॉकडाउन का पालन करने को कहती हैं ,ताकि हम इस महामारी से बच सकें। अपने पंचायत में प्रचार प्रसार के लिए दिवार लेखन कर रहे हैं। प्रवासी मजदूरों को सरकार की मदद से लाने का प्रयास किया जा रहा है

झारखंड राज्य से विमल कुमार रजक मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इन्हें अभी कोरोना के कारण कुछ काम नहीं मिल रहा है। सरकार द्वारा जन धन की राशि इनके परिवार में सिर्फ एक व्यक्ति को ही मिलता है जिसकारण खाने के लिए इन्हें काफी परेशानी हो रही है।इसलिए इनका सरकार से कहना है कि कुछ इनकी मदद करे ताकि इनकी समस्या दूर हो पाए।

झारखंड राज्य के रांची हज़ारीबाग़ के विष्णुगढ़ प्रखंड के पंचायत विष्णुगढ़ से सुलेखा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वह विष्णुगढ़ पंचायत की वार्ड सदस्य है।उनका कहना है कि इनके वार्ड में जिन-जिन व्यक्तियों के पास राशन कार्ड है,उन्हें प्रत्येक यूनिट पर दस किलों चावल निःशुल्क दिया जा रहा है।वही उज्जवला लाभार्थी के खाते में पैसे आये है लेकिन बीपीएल लाभार्थी के खाते में पैसे नहीं आये है।वही वह कहती है कि इन्होंने अपने वार्ड में मास्क का वितरण किया तथा जिन परिवारों का कार्ड नहीं है उन परिवारों को दस-दस किलों अप्रेल में राशन वितरित किया गया।

ममता रजक मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वह युवा संस्था तथा जेएसएलपीएस समूह से जुड़ी हुई है।उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा किचन योजना चलाया जा रहा है,उसमें वह दस गांवों में जाकर जरुरतमंदो को रोज खाना पहुंचाती है और उनकी मदद करके इन्हें ख़ुशी मिलती है।

झारखंड राज्य के जिला हज़ारीबाग़ के इचाक प्रखंड से किरण देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि लॉकडाउन में सरकार द्वारा कहा गया था कि विधवा,वृद्धा तथा विकलांग के खाते में पैसा डाला जायेगा लेकिन कुछ महिलाओं का अभी तक पैसा नहीं आया है जिसकारण इन्हें काफी परेशानी हो रही है। वही जिसका राशन कार्ड है उन्हें राशन मिल गया है और जिसका नहीं भी है उन्हें भी कुछ लोगों को मुखिया के तरफ से राशन दिया गया है। इसलिए इनका कहना है कि अगर इन्हें लाभ मिल जाता तो इनकी काफी मदद हो पाती।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के जांगी से संगीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है, कि 15 अप्रैल से जो राशन दिया जा रहा है उसमे डीलर द्वारा राशन में 2 किलो अनाज काट लिया जाता है, और ये बात महिलाएं डीलर को नहीं बोल पति हैं, और बोले पर डीलर द्वारा जवाब दिया जाता है कि अगर नहीं काटेंगे तो हमलोग गाड़ी भाड़ा कैसे निकालेंगे ये वो

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से नीता देवी महिला मुक्ति संस्था से मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहतीं है,कि लॉक डाउन के कारण महिलाओं कि बहुत ख़राब स्थिति हो रही है,जो गरीब महिला हैं ,विकलांग महिला हैं ,मजदूर भाई हैं ,उनके लिए खाने पीने का सुविधा नहीं तो थोड़ा दिक्कत हो रही है। महिला ग्रूप जो चल रहा है उससे महिलाएं पैसा ले कर काम चला रही हैं। महिलाएं लॉक डाउन का पालन तो कर रही हैं .

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से अंजू देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,कि उनके पति नहीं है ,दो लड़का एक लड़की है,लॉक डाउन के कारण काम धंधा नहीं हो पा रहा है,घर में बैठे बैठे क्या करें क्या खाये। डीलर द्वारा राशन में केवल चावल मिलता है , उसमे भी काट लिया जाता है ,और गेहूँ भी नहीं मिलता ना ही पेंशन मिलती है

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के चुरचु प्रखंड से एक श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि कोरोना वाइरस के कारण लोगो को सरकार के नियमो का पालन करना बहुत जरुरी है। सरकार के नियमों का पालन करते हुए घर में ही रहना चाहिए। अगर किसी को बहुत जरुरत पड़े तभी वह घर से बाहर निकलना सही है।वही बचाव के लिए मास्क का उपयोग करना अति उचित है। वही उनका ये भी कहना है कि लॉकडाउन के कारण कामकाजी लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।वही कहती है कि जिसके पास राशन कार्ड है उन्हें राशन दिया जा रहा है लेकिन उससे भी परिवार का पालन करने में दिक्कत हो रही है