झारखण्ड राज्य के चतरा जिला से ललिता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि यहाँ पर बैठक में शामिल होने आयी हूँ और बैठक में सम्मलित होकर बहुत कुछ सिख रही हूँ

झारखण्ड राज्य के जिला चतरा के चतरा प्रखंड के जंगी पंचायत से द्रोपदी देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि नीलिमा की कहानी सुनकर हमलोगो को यह पता चलता है कि महिलाओं को घर में कैद कर रखा जाता है उन्हें किसी तरह की छूट नहीं मिलती है। क्या महिलाएं इतनी बेवकूफ है कि घर में वे कैद हो कर रह जाएंगी। हम सभी महिलाओं को मिल कर एकजुट व संघठित हो कर रहना चाहिए जैसे जेसपीएसएल के माध्यम से वे जुटी हुई है और संघठन बनायीं हुई है।ऐसी ही संघठित हो कर समाज को सुधारा जा सकता है और इस कार्य में वे प्रयासरत है।

झारखण्ड राज्य के जिला पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से लक्ष्मी सरदार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि जब समहू नया बना तब कोई महिला साथ नहीं दे रही थी समहू में जुड़ना नहीं चाहती थी पर इनलोगो को देख कर अन्य महिलाएं भी समहू में जुड़ रही है और पहले महिलाएं ठेपा लगाती थी पर समूह से जुड़ कर अब वे हस्ताक्षर करने लगी है

झारखण्ड राज्य के जिला चतरा के गंधरिया पंचायत से अनीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वे जब से समहू से जुड़ी है तब से मुखिया के साथ बैठक में शामिल होती है जबकि पहले वे घर पर ही रहती थी बैठक में नहीं जाती थी।

झारखण्ड राज्य के जिला चतरा के गंधरिया पंचायत से अनीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहती हैं कि वह पहले घर से बाहर नहीं निकल पाती थी। जब से वह अखंड ज्योति प्रेरणा से जुडी उसके बाद से वह अपने घर से बाहर निकल पाती है

झारखण्ड राज्य के जिला चतरा के गंधरिया पंचायत से पूनम कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उनमें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत हिम्मत आयी है।घर से बाहर निकलना और महिला को सशक्त होना बहुत जरुरी है।महिला के सशक्त नहीं रहने से उसके साथ हिंसा होती है, जिसे वे पहचान भी नहीं पाती है और सही कदम या सही निर्णय नहीं ले पाती है।उनके गावं की एक महिला जो की एटीएस का काम कर रही थी उनके घरवाले उन्हें प्रशिक्षण में भाग लेने नहीं दिए जिसके कारण वे कई माह तक मायके रहने चली गयी। जब उनके घरवालो को समझाया गया तब वे मान गए और अभी उस महिला को काम करने दे रहे है ।

झारखंड राज्य के जिला हजारीबाग के इचाक प्रखंड से हेमंती देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोलना चाह रही है कि वे लोग बांस का काम करते हैं। बांस से ही कुछ सामान बनाते हैं जैसे की डोरी टोकरी और उसी से हम अपने और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। इसी तरह से हम सब दीदी बैठकर अपने में बातचीत की हम लोग के पैसा जमा और बचत का कार्य करते हैं।इस बात सब दीदियों की सहमति बनी और प्रतिदिन ₹10 जमा हमलोग करने लगे। इन्होने दीदी सब से कहा की अगर हमलोगों में एकता बनाकर रखेंगे तो पैसे जमा होंगे अन्यथा जमा नहीं हो पाएगा।

झारखंड राज्य के जिला हजारीबाग के इचाक प्रखंड से गुड़िया देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि ये पहले घर से कभी नहीं निकलती थी ,पर इनका धीरे-धीरे घर से निकलना शुरू हुआ जिससे इनकी हिम्मत बढ़ी। पहले ये किसी के सामने बोल नही पाती थी दूसरे को बोलते हुए देखती थी तो घबरा जाती थी। पर जब बराबर ये समूह में जाने लगी तो धीरे-धीरे दूसरे को देखकर बोलने का कोशिश की अब ये बेहिचक बोलने लगी और समूह में अपनी बात को रखती हैं और दूसरे को भी बताती हैं।

झारखण्ड राज्य के जिला पूर्वी सिंघभूम से मालती देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हे जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ा । ये जलसहिया पद पर कार्यरत है इस पद में आने के बाद इन्हे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जैसे परिवार के लोगो ने गावं के लोगो ने तरह तरह की बातें सुनाई लेकिन इन्होने सबको समझाया और गावं में समहू बनाई। अभी सभी लोग इनकी बातों को सुनते है समझते है और मानते है। इनके गावं में एक भी स्वयं सहायता समहू नहीं था पर अभी समहू है और ग्राम संघठन भी बना हुआ है।इनकी इच्छा है कि ये गावं का और ज्यादा विकास करें।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से रानी देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है, कि महिला मुक्ति संस्था से जुड़ने के बाद बहुत सारे बदलाव आयें हैं,उनमें पहले वो किसी के सामने बात नहीं कर पातीं थी, बोलने में हिचकिचाहट होती थी ,परन्तु अब वो बोल पातीं है ,महिलाओं को जागरूक करतीं है।जब से वो महिला मुक्ति संस्था से जुड़ी हैं, उनमे बहुत बदलाव आयें हैं।