बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से कुमारी आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से छोटी से हुई। छोटी कहती है कि महिलाओं को अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाना चाहिए। जितना पुरुषों को हक़ है। उतना महिलाओं को भी जमीन में हक़ है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से कुमारी आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आस्था से हुई। आस्था कहती है कि इन्होने अपनी जमीन अपना अधिकार कार्यक्रम सुना। जिसके बाद इनके पिता ने छह बहनों को बराबर का जमीन में हिस्सा दिए है। इससे वो सशक्त हुई है
पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। एक महिला को पति के देहांत के बाद ससुराल से निकाल दिया गया ,मायके से सहयोग तो मिला पर भाई की तरफ से सहयोग नहीं मिला। पिता को पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार की जानकारी नहीं थी ,पर कार्यक्रम के ज़रिये पिता को समझाया गया जिसके बाद उन्हें जमीन में हिस्सा मिला ,जिसके माध्यम से वो सशक्त और आत्मनिर्भर बनी। वहीं एक महिला उर्मिला देवी का कहना है कि इनके घर में अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना जाता है और इस कार्यक्रम से प्रभावित हो कर विचार में बदलाव आया और यह निर्णय लिया कि वो अपनी बेटी को दहेज़ न देकर जमीन का हिस्सा देंगी। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।
पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से एक महिला के जीवन में बहुत बदलाव आये है। उन्हें ये समझ आया की अपनी बहु और बेटियों को भी अच्छा जीवन देना चाहिए। जैसा परिस्थिति उन्होंने देखा है वो उनके बच्चो पर नहीं आना चाहिए। जब उन्हें हिस्सा मिला तो, ये हिस्सा उन्हें अपनी बहु और बेटियों को भी देना चाहिए। बलरामपुर जिला की रहने वाली एक महिला के पति ने इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर 18x100 का प्लॉट अपने पत्नी के नाम कर दिया। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनन्दगाँव ज़िला से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मनुष्य होने के नाते महिलाओं को उतना ही अधिकार है जितना पुरुष को है।लेकिन पुरुष प्रधान समाज महिलाओं को अधिकार देना नहीं चाहे है। महिलाएँ शिक्षित तो ज़रूर है किन्तु महिलाओं को केवल किताबी शिक्षा मिल रही है। इसीलिए महिलाओं को अपने अधिकार पाने के प्रति छटपटाहट होना चाहिए। साथ ही एक महिला को दूसरी महिला को जागृत करना चाहिए। महिलाऐं अपने प्रति आवाज़ उठाए ,दूसरी महिला को भी जगाए।एक महिला दूसरी महिला का साथ देगी तो रूढ़िवादी प्रथा समाप्त होगा
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनाली कुमारी से हुई। सोनाली कहती है कि महिला के नाम से जमीन होना चाहिए। जमीन अधिकार मिलने से महिला उसमे खेती कर सकती है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से दीक्षा कुमारी से हुई। दीक्षा कहती है कि महिला शिक्षित हो कर सब कुछ कर सकती है।शिक्षित महिला रोजगार कर सकती है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से दीक्षा कुमारी से हुई। दीक्षा कहती है कि महिला शिक्षित हो कर सामाजिक चक्र को तोड़ सकती है। महिला सिलाई ,ब्यूटी पार्लर का काम व पशुपालन का कार्य कर रोजगार कर सकती है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आस्था कुमारी से हुई। आस्था कहती है कि महिला को शिक्षित होना ज़रूरी है। शिक्षित होगी तो वो रोजगार कर सकती है और अच्छे से परिवार का भरण पोषण कर सकती है
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आस्था कुमारी से हुई। आस्था कहती है कि महिला को जमीन अधिकार मिलेगा तो वो धान लगा सकती है और गेहूँ ऊगा सकती है