बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के चंडी से रूपा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अर्चना कुमारी से हुई। ये बताती है कि महिलाओं का अधिकार संपत्ति पर होना चाहिए। लेकिन अगर माता पिता का संपत्ति में जो अधिकार भाई जो जाना चाहिए उससे पचास प्रतिशत अधिकार ले लें तो यह गलत होगा। क्योंकि शादी के बाद लड़की ससुराल चली जाती है और भाई ही होता है जो माँ पिता की सेवा करते है। ऐसे में भाई से संपत्ति लेना सही नहीं रहता है। ऐसे में माँ बाप के संपत्ति में भाई का ही अधिकार होना चाहिए क्योंकि आगे चल कर उन्हें ही अपने माता पिता की सेवा करनी होती है। संपत्ति में बँटवारा से ज्यादा इन्हे भाई के साथ अपना रिश्ता रखने में भरोसा है

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के चंडी से रूपा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अविनाश कुमार चौधरी से हुई। ये कहते है कि महिलाओं का जमीन पर अधिकार नहीं होना चाहिए। यहाँ हर तरह की महिलाएं है। इनके अनुसार महिला के नाम से जमीन होगा तो कभी भी लड़ाई झगड़ों में महिला इसका गलत इस्तेमाल कर सकती है। भले ही बच्चे या पति का नाम से जमीन रहे ,ये मंजूर है पर महिला के नाम से जमीन नहीं होना चाहिए

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के चंडी से रूपा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रविंद्र कुमार चौधरी से हुई। ये कहते है कि महिलाओं का जमीन पर अधिकार होना चाहिए। जिस तरह पुरुष को अधिकार है जमीन पर उस तरह महिलाओं को अभी अधिकार होना चाहिए। पति के पीछे बाल बच्चों का ध्यान देने व उन्हें बढ़ाने के लिए महिला का भी जमीन पर अधिकार होना चाहिए। जमीन रहेगा तब महिला सशक्त रहेगी। उन्हें सताया नहीं जाएगा

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के चंडी से रूपा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से गायत्री देवी से हुई। ये बताती है कि महिलाओं का जमीन पर अधिकार होना चाहिए। अगर जमीन पर महिला का अधिकार रहेगा तो उन्हें सताया नहीं जाएगा। महिला और परिवार के आपसी सौहार्द से महिलाओं को जमीन पर हक़ मिलता है। अभी चंडी प्रखंड में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है कि महिलाओं का जमीनी हक़ हो

महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक स्वतंत्रता के लिए ऐसा क्या किया जा सकता है कि जिससे कि उनके जीवन को बेहतर बनाया जा सके, और एक स्वतंत्र नागरिक के तौर पर माना जा सके बनिस्बत इसके कि वह किसी की बेटी या किसी की पत्नी है? जबकि संविधान महिला और पुरुष में भेद किये बिना सबको समान मानता है, इसका जवाब है, भूमि अधिकार और संपत्ती पर हक। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं ? *----- "* इतिहास से लेकर वर्तमान तक महिलाओं की सशक्त भूमिका रही है, उसके बाद भी अभी तक उन्हें विकास की मुख्यधारा में नहीं लाया जा सका है, आपको इसके पीछे क्या कारण लगते है ? * महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए किस तरह के सुधारों की आवश्यकता है? "

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से कुंजन ,मोबाइल वाणी के माध्यम से पिंकी कुमारी से बात हुई। ये कहती है कि इनका जमीनी में अधिकार नहीं है। इनका जमीन में अधिकार नहीं होना चाहिए क्योंकि भाई का ही अधिकार है तो जमीन का मालिक वही है

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला से रूपा कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से आरती देवी से बात हो रही है। ये कहती है कि जमीन पर महिला का अधिकार होना चाहिए।इनके ससुराल में पति ने जमीन लिया लेकिन पति के नाम पर जमीन है। जमीन पर इनका नाम इनके पति और बच्चे ने नहीं होने दिया।

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला से रूपा कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से ललिता देवी से बात हो रही है। ये कहती है कि जमीन पर महिला का अधिकार होना चाहिए। इनके पास अपना दो कट्ठा जमीन है जो इन्हे मायके की और से मिला है ।ससुराल में इन्हे ताना मिलता है और प्रताड़ित किया जाता है कि दहेज़ के बदले जमीन मिला है। महिला के पास जमीन का अधिकार होने से कोई फायदा नहीं है

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला से रूपा कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से विनीता कुमारी से बात हो रही है। ये कहती है कि जमीन पर महिला का अधिकार होना चाहिए। पर यह सोच से ससुर व पति महिला को अधिकार नहीं देते है क्योंकि महिला का जमीन पर अधिकार हो जाने पर अगर वो पति को छोड़ कही और शादी कर लेती है। जमीन का कोई कदर नहीं रह जाता है।

बिहार राज्य के नालंदा जिला के चंडी प्रखंड से संगीता कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से पप्पू कुमार से साक्षात्कार लिया।पप्पू कुमार ने बताया कि पैतृक सम्पत्ति में बेटियों को भी कानूनन अधिकार है और यह हक़ बेटी को अवश्य मिलना चाहिए।पप्पू अपनी बेटी को अपनी सम्पत्ति में हिस्सा देंगे,ताकि बेटी आत्मनिर्भर बन पाए और भविष्य में आने वाले सभी चुनौतियों का सामना कर पाए।बेटा और बेटी को समान अधिकार और अवसर मिलना चाहिए।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।