बिहार राज्य के नालंदा जिला के नगरनौसा प्रखंड से शम्भू शरण प्रसाद ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को संपत्ति में उनका हक़ मिलना चाहिए। मालिकाना हक़ मिलने से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा। साथ ही उन्हें अधिकार मिलने से जीवनशैली में आगे बढ़ने में बहुत सहायता मिलेगा। आजकल पुरुष और स्त्री में कोई अंतर नहीं है, दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये है। महिलाओं को कानूनी हक़ तो मिला है लेकिन जमीन पर वे अधिकार महिलाओं को नहीं मिल रहे है। अधिकार बहुत हद तक लगाम से जुड़ा हुआ है लेकिन उन्हें आज तक जमीन सही नहीं मिली क्योंकि पुरुष वर्ग आज तक समझता है या उनके पिता या भाई समझते हैं कि अगर हमारे दो बेटे हैं, तो केवल दो बेटों के पास संपत्ति का हिस्सा है। अगर बेटी है तो उसे संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। संपत्ति के अधिकार के बारे में एक कहावत है कि जब तक आपके पास पैसा है तब तक आपको सभी पूछेंगे, लेकिन जब आपके पास पैसा नहीं होगा तो आपको कोई पूछने वाला भी नहीं रहेगा। इसी प्रकार संपत्ति के साथ भी है। महिला के पास अगर संपत्ति रहेगा तो माइका में महिला को लोग पूछेंगे, अगर उनके पास कुछ नहीं रहेंगे तो महिलाओं को कोई पसुह्ह्ने वाला भी नहीं रहेगा