बिहार राज्य के नालंदा जिला के चंडी प्रखंड से मेरी आवाज मेरी पहचान के माध्यम से निर्मला कुमारी यह बताना चाहती हैं कि शांति की कहानीउन्हें बहुत अच्छा लगा उसमें शांति के प्रति जो उसके ससुराल वाले का प्यार था उससे मैं बहुत खुश हूं इस खास करके उसकी सासू मां से हिस्से की शांति को यह नहीं लग रहा था कि हम ससुराल में है हाजी स्तर से शांति के प्रति अपनी बेटी को से लगाव रखते थे उसी तरह से हर पिता को रखना चाहिए अपनी बेटी के प्रति लगाव यह नहीं कि वह पराया धन है उसे हम अच्छा से पढ़ा लिखा करके क्या करेंगे यदि बेटी पढ़ी लिखी होती है तब उसका इज्जत बढ़ता है सम्मान बढ़ता है समाज में नाम होता है और खास करके हमें सुधा के साथ जो शांति का अच्छा प्यार था एक बहन कि जैसा वह बहुत अच्छा लगा