कोरोना काल में लाखों लोगों की चेतना चली गई। कोरोना के नाम पर जो टीके लगा रहे थे जिससे कुछ लोग मर जाते थे। लॉकडाउन के दौरान अगर हम डॉक्टर के पास जाते थे तो डॉक्टर इधर-उधर रहते थे और सब कुछ गिनते थे और भाग जाते थे. बुखार या खांसी होने पर भी कुछ लोग नहीं बचे। डॉक्टर के पास जाकर उन्हें दिखाने के बाद भले ही कोई और बीमारी हो कोरोना ही समझा जाता था। भारत सरकार के कारण ही लाखों लोग इस परीक्षा से गुजरे हैं। आज, भारत सरकार ने दवाएं प्रदान की हैं, यदि सरकारी अस्पताल जाते हैं स्थानीय स्तर पर दवाएं उपलब्ध हैं, खांसी-जुकाम की दवाएं बाहर से लाना पड़ता है, सरकार का कर्तव्य है कि अगर सरकार में मेडिकल चेक-अप हो तो सरकार को डॉक्टर की दवा भी लेनी चाहिए।

Transcript Unavailable.

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला ग़ाज़ीपुर से अजित राघव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि आज तक भारत सरकार नेत्रहीनों के लिए कुछ नहीं किया है ,सरकार को चाहिए की वे नेत्रहीनों के लिए काम मुहैया करना चाहिए ताकि वे जीवन में आगे बढ़ सके

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बिहार शिक्षक परीक्षा 3 का आयोजन 15 मार्च को 3 पालियों में आयोजित हुई थी परीक्षा में गड़बड़ी के चलते दोनों पालियों की परीक्षा रद्द कर दी गई है विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।