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बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि राजधानी पटना की सड़कों पर ब्रिज का जाल बिछ गया है। सरकार और प्रशासन का एक ही मकसद है लोगों जाम से मु्क्ति मिले और लोग कम समय में बिना किसी मुश्किल के अपना सफर तय कर सकें। इसके लिए राज्य सरकार ने पटना के मुख्य सड़कों पर ओवर ब्रिज बना दिया है। इस ब्रीज की श्रृंखला में एक मीठापुर-यारपुर फ्लाईओवर को पूरा होने में अभी थोड़ा समय लगेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि यह ब्रिज अगस्त के पहले पूरा हो जाएगा और इस ब्रिज पर अगस्त माह से यातायात सुगम हो जाएगा।

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन ने खेती पर बड़ा ही असर डाला है। मौसम जिस तरह से बदल रहा है, उससे आने वाले समय में उपज में भारी कमी होगी। इससे निपटने के लिए जलवायु परिवर्तन के अनुकूल वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने पर काम हो रहा है। ऐसी खेती के लिए मधुबनी जिले के राजनगर व खजौली प्रखंड के 50 गांवों को चुना गया है। यहां के किसानों को जलवायु परिवर्तन के बीच विभिन्न फसलों को बढ़ावा देने केलिए समय-समय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। पांच दर्जन से अधिक प्रशिक्षित किसान वैकल्पिक फसल उगाने में आगे बढ़ रहे हैं।

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि देश और दुनिया में पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है।लोगों में भी पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे के प्रति जागरूकता आ रही है।राजधानी पटना के तरुमित्र आश्रम में भी पर्यावरण संरक्षण एवं आर्थिक विकास के मुद्दे पर साथ-साथ काम हो रहा है।इसमें मुख्य भूमिका निभा रही हैं, आश्रम की संयोजिका मारग्रेट।तरुमित्र आश्रम में वर्तमान में तीन एकड़ में जैविक खेती हो रही है।पिछले दस वर्षो से खेत में किसी प्रकार के खाद का उपयोग नहीं किया गया है।इसके साथ ही कीटों को मारने के लिए किसी तरह के दवाओं का भी उपयोग नहीं होता है।यहां पर पूरी तरह से परंपरागत तरीके से खेती की जाती है।तरुमित्र आश्रम के खेतों में स्प्रींकलर से सिंचाई होती है।इससे पानी की लगभग 30 फीसद की बचत होती है।नई तकनीक से जल संरक्षण होता है।साथ ही इससे ऊर्जा की भी बचत होती है।इससे लागत में कम से कम 25 फीसद की कमी आती है और पैदावार में वृद्धि होती है।

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि उमस भरी गर्मी व तेज धूप के कारण हर तरफ बेचैनी है।जिससे लोग काफी परेशान हैं।इस मौसम में असावधानी बरतने से लोग बीमार होने लगे हैं।मौसम विभाग का मानना है कि इस सप्ताह तापमान 37-40 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। जबकि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में तापमान थोड़ा कम है, परंतु पूर्वा हवा के कारण उमस अधिक है।कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अब्दुल सत्तार ने मौसम में हो रहे परिवर्तन पर बताया कि दो से तीन दिनों मे पूर्वी व पश्चिमी चंपारण के कुछ क्षेत्रों में छिटफुट वर्षा की संभावना है।लेकिन इस वर्षा से उमस में कमी नहीं होगी।जिस प्रकार का मौसम अभी चल रहा है उसमें लू लगने की सबसे अधिक संभावना होती है।इसलिए इस मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीएं।

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि राजधानी की आबादी में बेतहाशा वृद्धि होने से कचरा निपटारे की समस्या उत्पन्न हो गई है।पटना में हर दिन प्रति व्यक्ति कम से कम चार सौ ग्राम ठोस कचरा फेंका जाता है।समस्या यहीं से शुरू होता है. एक तो डस्टबिन उपलब्ध नहीं है, ऊपर से कचरा उठाव भी प्रॉपर तरीके से नहीं होता है। समस्या गंदगी का जमा होना नहीं है, बल्कि उसका सही से डिस्पोजल नहीं होना है। साफ-सफाई को लेकर न तो निगम और न ही सरकार सक्रिय है।डस्टबिन नहीं है, इसलिए पटना के लोग कचरा सार्वजनिक जगहों पर फेंकने को मजबूर हैं।कचरा उठाव भी फ्लाप हो गया है।आबादी बढ़ी, नई कॉलोनियां बसी लेकिन सफाई व्यवस्था लचर है।सालों बाद भी स्थिति नहीं बदली है।

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि अस्सी वर्ष पहले कई बीमारियों के इलाज के लिए कोई कारगर दवा नहीं थी।लेकिन एंटीबायोटिक की खोज जीवाणुओं के संक्रमण से निपटने में जादू की छड़ी की तरह काम करने लगी। वक्त गुजरने के साथ एंटीबायोटिक का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। हाल ही में भारत के संबंध में डब्ल्यूएचओ ने एक अध्ययन कराया है, जिसमें यह बात सामने आयी है कि यहां के आधे से अधिक लोग दवाओं के नकारात्मक पक्ष को दरकिनार करते हैं, और बिना डॉक्टरी परामर्श के एंटीबायोटिक का सेवन करते हैं।आम लोगों की धारणा है, कि एंटीबायोटिक दवाओं से कोई नुकसान नहीं है।इसलिए जरा-सी सर्दी-जुकाम या मामूली दर्द होने पर भी एंटीबायोटिक ले लेते हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन में कहा गया है कि 53 फ़ीसदी भारतीय बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक लेते हैं।एंटीबायोटिक दवाओं के केवल साकारात्मक पक्ष ही नहीं हैं, बल्कि इसके नाकारात्मक पहलू भी हैं।जरूरत से ज्यादा और अनियमित दवा खाने से ड्रग रेजिस्टेंट का खतरा तो है ही।इसके अलावा इंसानों में डायरिया, कमजोरी, मुंह में संक्रमण, पाचन तंत्र में कमजोरी, योनि में संक्रमण होने की खतरा अधिक हो जाता है।

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि गर्मी में हमारे शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है, इसलिए जितना हो सके गर्मी से बचने की कोशिश करनी चाहिए। घरेलू उपाय आजमा कर हम गर्मी में धूप से बच सकते है।गर्मी के मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पेट की खराबी और अधिक तैलीय व मसालेदार खाद्य-पदार्थों का सेवन करने से पाचन-क्रिया प्रभावित होती है। इससे अनेक बीमारियां हो सकती हैं।अक्सर गर्मियों के मौसम में हवा बढ़े हुए तापमान की वजह से काफी ज्यादा गरम रहती हैं।अगर हम बिना छाते या खुले हुए सर बहार तेज़ धुप में निकलें तो इससे हमें लू लगने का खतरा बढ़ जाता है।जब आप दोपहर में बहार जाते हैं, उस समय लू लगने की संभावना अधिक हो जाती है। इसीलिए चिलचिलाती धुप में निकलने से थोड़ा बचें.दोपहर में, शरीर को ढंककर निकलें।और जितना हो सके उतना पानी पिये गर्मी से बचने के उपाय और भी है, लेकिन आपको अपने खान पान पर नियंत्रण रखना चाहिए।

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि शरीर के सभी अंगों को ठीक से काम करने के लिए शरीर में पर्याप्त खून होना जरूरी है।कई बार किसी गंभीर चोट, सर्जरी, रक्तदान या किसी अन्य वजह से शरीर से ज्यादा मात्रा में खून निकल जाता है। ऐसे में इस खून की भरपाई जल्द से जल्द करना जरूरी हो जाता है। कई लोग शरीर में खून बढ़ाने के लिए दवाओं और टॉनिक का सहारा लेते हैं। मगर इसे सुरक्षित रास्ता नहीं कहा जा सकता है।खून हमारे शरीर में स्वस्थ खान-पान से बढ़ता है। शरीर में खून की कमी का मतलब है आयरन की भी कमी होना और आयरन की ही कमी के कारण एनीमिया हो जाता है।इसलिए जब भी आपके शरीर से ज्यादा मात्रा में खून निकल जाए, तो आप इन आहारों का सेवन शुरू कर दें।ये आहार आपके शरीर में तेजी से खून बढ़ाते हैं और शरीर में आयरन का लेवल भी ठीक रखते हैं।इसको दूर करने के लिए रेड मीट का सेवन करना चाहिए।अगर आपने रक्तदान किया है, तो शरीर में खून का लेवल बनाये रखने का सबसे तेज और आसान उपाय है नारियल पानी पीना। नारियल पानी में भरपूर मात्रा में पोटैशियम होता है , जो आपके शरीर में कम हुए खून को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए।