Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

करो ना वैश्विक महामारी को देखते हुए राजकीय सम्मान प्राप्त शिक्षिका एवं समाज सेविका डॉ नम्रता आनंद फुलवारी प्रखंड की प्रमुख श्रीमती मुन्नी देवी एवं वार्ड नंबर 7 की वार्ड सदस्य श्रीमती लीलावती देवी, समाजसेवी अजीत कुमार के साथ मिलकर चिलबिली पंचायत हसनपुरा ग्राम के 250 जरूरतमंद गरीब लोगों के हाथों को सैनिटाइज करवाकर मास्क दिया ।साथ ही कोरोना से संबंधित जागरूकता फैलाई। गांव के लोगों में सब्जी बेचने वाले, बुजुर्गों, नर्स, मजदूर, ठेला चालक, दिव्यांग, महिलाओं, और बच्चों को मास्क बाटा गया। दीदी जी फाउंडेशन के संस्थापिका डॉ नम्रता आनंद ने बताया कि दीदी जी फाउंडेशन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम कर रही है। यह लगातार गरीब महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। इस वैश्विक महामारी के कठिन दौर में जहां सब लोग घर के अंदर बंद है वहां गरीबों का जीविकोपार्जन एक कठिन समस्या बन गई है। घर के पुरुषों का काम धाम बंद है। रोज कमाने खाने वाले व्यक्ति के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है ऐसा लग रहा है कि वह करोना से नहीं भूख से दम तोड़ देंगे। आर्थिक मंदी की मार लोगों को बेहाल कर चुकी है ।ऐसे में 50- 60- 70 -100 रुपए के मास्क खरीदने में लोग असमर्थ हैं। तब नम्रता ने सोचा कि क्यों ना मास्क को ही महिलाओं का रोजगार बनाया जाए। इसलिए उन्होंने अथक प्रयास कर गरीब महिलाओं के सिलाई के हुनर को मास्क बनाने में लगाया और उनका रोजगार बना दिया। ग्राम में आज चिलबिली पंचायत के हसनपुरा गांव में दीदी जी फाउंडेशन (बिना सरकारी मदद के) की टीम गई और वहां लोगों के बीच कोरोनावायरस जागरुकता अभियान चलाया और लोगों को सैनिटाइजेशन का महत्व समझा कर हाथ सैनिटाइजर करा कर मास्क वितरण किया। दीदी जी फाउंडेशन की प्रियंका, जैनब अंजुम, सुमिता देवी, नीतू, मनीषा, जाहिदा, अंकिता, ललिता देवी आदि 'कोरोना से डरना नहीं बल्कि उस को जड़ से भगाना है' इस मुहिम को पूरा करने में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। जिला समन्वयक कोमल सोनी,राज्य समन्वयक कुंदन कुमार मलिक जन जागरूकता अभियान चलाने में अपनी पूरी सहभागिता दिखा रहे हैं।दीदी जी फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार वर्मा एवं सचिव श्री निखिल नटराज ने संस्था के कार्यो की सराहना की है कि बिना 1 रुपया सरकारी मदद के नम्रता आनंद के नेतृत्व में गरीबों, बेसहारों, दिव्यांगों, किन्नरों, महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों, और स्लम बस्ती के लोगों राशन साबुन मास्क और सैनिटाइजर का वितरण लगातार जब से लॉक डाउन हुआ है वितरण किया जा रहा है। और जन जागरूकता भी फैलाई जा रही है।इस क्रम में फुलवारी शरीफ प्रखंड की प्रमुख श्रीमती मुन्नी देवी ने डॉक्टर नम्रता आनंद के कार्यों की सराहना की और कहा कि समाज में ऐसे लोगों को हमेशा आगे आना चाहिए। अगर ऐसे लोग आगे आते रहेंगे तो समाज मे कोई गरीब भूखा ना रहेगा।

बिहार राज्य के पटना जिला से संजय कुमार बबलू ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राष्ट्रीय युवा पुरस्कार एवं राजकीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित समाज सेविका डॉ नम्रता आनंद द्वारा किन्नर समुदाय के लोगों तक कोरोना आपदा वैश्विक महामारी में राहत कार्य के रूप में सूखा राशन और मास्क पहुंचाया गया। साथ ही इनके पास ना तो राशन कार्ड की सुविधा है और ना ही यह लोगों को सरकार की तरफ से मदद मिल रही है। किसी भी प्रकार की सुख सुविधा से वंचित यह वर्ग इस वैश्विक महामारी में जहां सब कुछ लाॅक डाउन है बहुत ही खराब जिंदगी जी रहे। ना उनके पास रोजगार है और ना ही सरकार की कोई मदद। दाने-दाने के लिए मोहताज यह वर्ग कोरोना के साथ साथ भूख से भी परेशान है इसलिए नम्रता आनंद दें कहा कि अब मैं इस वर्ग के लिए कार्य करूंगी । विस्तारपूर्वक खबर सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर

पटना (महताब आलम) बिहार के सीवान जिला के पंजवार गांव से अब तक 19 कोरोना के मरीज मिले हैं इस गांव में विदेश से एक ही आदमी आया था, जिसे क्वारनटाइन करने के लिए कहा गया, लेकिन उसकी एक गलती ने जिला और गांव सहित पूरे बिहार को परेशानी में डाल दिया है. ताजा जानकारी के मुताबिक बिहार सरकार ने लाॅकडाउन ना टूट इसके लिए हरेक जिला के एसपी और डीएम को सख्त आदेश जारी किया है… कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉक डाउन पर सख्ती लगा दी गई है। अब अगर लॉक डाउन टूटा तो बिहार के मुखिया जी और पार्षद इसके लिए जवाबदेह होंगे। जिम्मेदारी उनकी होगी कि संबंधित पंचायत में लॉक डाउन किसी भी कीमत पर नहीं टूटे। नियमित रूप से पार्षद और मुखिया को यह जिम्मेदारी लेनी होगी और मानिटरिंग कर प्रशासन को जानकारी देनी होगी। सरकार ने स्पष्ट कह है कि गांव के भीतर अगर लॉक डाउन टूटा तो संबंधित पंचायत का मुखिया इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा ।इतना ही नहीं मुखिया के साथ-साथ वार्ड पार्षदों की यह भी यह जिम्मेदारी होगी कि नियमित रूप से लॉक डाउन को लागू करवाने में सहयोग करें। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, और कोरोना संक्रमण से लोग बच सकें। हां इतना भी जरूर है अगर लॉक डाउन को लागू करवाने में मुखिया को लगता है कि स्थानीय प्रशासन की सहायता की जरूरत है तो वह सहयोग ले सकते हैं।

पटना(महताब आलम)- कोरोना के लक्षणों पर नजर रखने के लिए दूसरे राज्य से आ रहे लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों के चयनित स्थलों पर 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा जा रहा है. इन 14 दिनों में किसी भी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें बेहतर उपचार हेतु जिला के नामांकित अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है. क्वारंटाइन सेंटर में लोगों की हो रही है नियमित जांच: - क्वारंटाइन सेंटर में रुके लोगों पर लगातार नजर रखी जा रही है और उनकी नियमित जांच की जा रही है. इसी क्रम में जिला के बिक्रम प्रखंड स्थित अख्तियारपुर पंचायत के मध्य विद्यालय स्थित क्वारंटाइन सेंटर में 6 लोगों की जांच की गयी. इस पूरी प्रक्रिया में केयर इंडिया की टीम प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य टीम को अपना सहयोग प्रदान कर रही है. अख्तियारपुर स्थित सेंटर में अभी 6 लोग मौजूद हैं और सभी की पूरी जांच की गई है। लक्षण दिखने पर किया जायेगा रेफर:- प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शशि शेखर ने बताया रुके लोगों की नियमित जांच एवं सभी जरुरी टेस्ट किये जा रहे है और उन्हें निगरानी में रखा जा रहा है. उनके रहने एवं भोजन की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गयी है. इस सेंटर पर 12 लोगों के रुकने की व्यवस्था है और अभी यहाँ 6 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है . सभी 6 लोग 1 अप्रैल से यहाँ हैं और अभी इनमे संक्रमण के किसी भी लक्षण की पुष्टि नहीं हुई है. किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण अगर नजर आते हैं तो उस परिस्थिति में व्यक्ति को पटना बेहतर उपचार के लिए रेफर किया जायेगा. सेंटर पर रखा जा रहा है सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान:- केयर के प्रखंड प्रबंधक चन्दन कुमार ने बताया सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. सभी लोगों के बिस्तर के बीच में कम से कम 1 मीटर की दूरी रखी गयी है. यह भी ध्यान रखा जा रहा है की सेंटर में रहने वाले लोग एक साथ न बैठें और दूरी बनाकर ही आपस में बातचीत करें. इनकी साफ़ सफाई पर भी नजर रखी जा रही है और दिनभर में 4 से 5 बार हाथों की सफाई करवाई जा रही है. सेंटर को समय समय पर पूरी तरह से स्वच्छ किया जा रहा है और संक्रमण का खतरा कम से कम हो इसकी हर संभव कोशिश की जा रही है.

मनोज कुमार, प्रांतीय संवादाता, विद्या भारती, दक्षिण बिहार की रिपोर्ट दिनांक 27 दिसंबर 2019 को भगवान जगन्नाथ आचार्य प्रशिक्षण महाविद्यालय कुमरार पटना में चल रहे प्रांतीय शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग का समापन हो गया। इस शिशु वाटिका प्रशिक्षण वर्ग में कुल 63 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। इसमें कुल 36 सत्र आयोजित हुए। कार्यक्रम का समापन माननीय गोपेश कुमार घोष, प्रदेश सचिव, भारती शिक्षा समिति बिहार की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर माननीय प्रकाश चंद जायसवाल प्रदेश सह-सचिव, भारती शिक्षा समिति बिहार एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं अखिल भारतीय संस्कृत प्रमुख डॉ० धीरेंद्र झा उपस्थित रहे। कार्यशाला में शिक्षिका के रूप में राष्ट्र सेविका समिति बिहार के प्रांत कार्यवाहिका श्रीमती रत्ना मिश्रा, प्रांत सह कार्यवाहीका दक्षिण बिहार श्रीमती कमला सिंह, श्रीमती अल्पना शर्मा शादीपुर मुंगेर, श्रीमती राजगी जी शास्त्री नगर पटना, श्रीमती सुनीता जी लल्लू पोखर मुंगेर इत्यादि ने भाग लिया।

दीदी जी फाउंडेशन के संस्थापक सचिव डॉक्टर नम्रताआनंद ने कहा महिलाओं की सुरक्षा हमारी जवाबदेही|

बिहार राज्य के पटना जिला से अनुराग कुमार बिहार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि विश्व में गया शहर प्रदूषण में चौथे स्थान पर है, जिसके कई कारण हैं। एक प्रमुख कारण पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग करना भी है। सोमवार से शहर में पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगा जाएगा। इसके को लेकर नगर निगम ने सभी तैयारी पूरी कर ली है। निगम ने एक पांच सदस्यीय टीम गठित की है, जो पहले पॉलीथिन से होने वाले नुकसान से दुकानदारों को अवगत कराएगी। इसके बाद भी दुकानदार नहीं माने तो उनसे जुर्माना वसूला जाएगा।