जिले  की सभी 405 पंचायत कृषि कार्यालय सुविधाओं से लैस होंगे। आधुनिक तकनीक के जरिए किसानों की समस्या का तत्काल निदान होगा। योजनाओं, फसलों की सुरक्षा और मौसम से संबंधित उचित सलाह दी जाएगी। कृषि विभाग ने कृषि कार्यालयों के संचालन के लिए राशि जारी कर दी है। करीब सौ करोड़ रुपये कार्यालयों में बैठने वाले सलाहकारों के मानदेय पर खर्च होंगे। वहीं, तेरह करोड़ सुविधाओं पर खर्च होंगे। जिले में कुल 405 कृषि कार्यालय में से 285 सरकारी पंचायत भवनों में संचालित हो रहे हैं। शेष किराए के भवन में संचालित हैं। इन भवनों के किराए की राशि भी भेज दी गई है ताकि कृषि कार्यालय संचालित करने में दिक्कत न आए। इसमें वहां के कृषि कार्यालय भी शामिल हैं, जो पंचायत अब नगर निकाय में शामिल हो गए हैं। सभी पंचायतों में कृषि कार्यालय संचालित होने के बाद किसानों को अपनी समस्या के लिए प्रखंड और जिला मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी कई जगह कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार के कृषि कार्यालय में नहीं बैठने की शिकायत मिल रही थी। विभाग ने वहां बैठने के निर्देश दिए हैं। सभी कृषि कार्यालयों में कृषि समन्वयक और कृषि सलाहकार मौजूद रहेंगे।