टेलिमेडिसिन की सुविधा में जिला 24 वें रैंक पर है। 13 फरवरी से 30 अप्रैल तक मात्र 281 मरीज को टेलिमेडिसिन पर इलाज कराया गया है। जबकि हर केंद्र से कम से कम 5 मरीज को टेलिमेडिसिन पर डाक्टर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ई संजीवनी पोर्टल पर इलाज करवाना है। जिला में 310 केंद्र पर टेलिमेडिसिन सुविधा दिया गया है। बताते हैं कि सरकार गांव तक स्वास्थ्य सेवा के लिए ई संजीवनी पोर्टल पर टेलि मेडिसिन सुविधा के तहत स्वास्थ्य केंद्र पर आए मरीजों को विशेषज्ञ डाक्टर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डॉक्टर से इलाज करवाना है और डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवा भी मुफ्त में देनी है। अगर जांच करने की सलाह है तो वह भी करवाने की व्यवस्था करना है। मगर यहां हालत यह है कि व्यवस्था की उदासीनता के कारण कई केंद्र से डॉक्टर नहीं जुड़ पाते हैं तो कई एएनएम को ई संजीवनी पोर्टल से पासवर्ड जोड़ने तक नहीं आता है। कहने को 310 केंद्र पर टेलि मेडिसिन की सुविधा है। मगर जानकर बताते हैं कि सौ के करीब ही सेंटर पर ई संजीवनी पोर्टल कार्यरत है। कई केंद्र पर एएनएम को अभी तक इसकी ट्रेंनिंग भी नहीं दी गयी है। यह भी एक कारण बन रहा है। बताया जाता है कि सरकार ने उन सभी केंद्र जो ई संजीवनी से जुड़ा है वहां डेली आउट डोर चलाने का निर्देश दिया है। डाक्टर को इसके लिये अलग से डॺूटी लगाने का निर्देश है। मगर कई केंद्र के लिए डाक्टर भी उपलब्ध नहीं होते। इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य समिति से सिविल सर्जन को दी गयी है। सिविल सर्जन के द्वारा निर्देश भी जारी किया गया है। बावजूद इसका कोई असर नहीं है।