बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजीत पांडेय जानकारी दे रहे हैं की महिलाएँ अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों के बारे में किसी से बात नहीं करतीं , वे सोचती हैं कि यह मेरा पति है , यह मेरा बेटा है , मैं किससे बात करूंगी और इस कारण से , वह चुप्पी साधे रहती है। समाज भी शायद इस चुप्पी का अनुचित लाभ उठाता है और महिलाओं पर अत्याचार की सीमा बढ़ रही है । उन्हें अपने अत्याचारों की रिपोर्ट करनी होगी। समाज में ऐसे लोग भी हैं जो एक साथ बैठते हैं और इसे हल करते हैं और यह अधिक प्रभावी है क्योंकि समाज द्वारा दिया गया न्याय कहीं न कहीं जमीनी स्तर से जुड़ा होता है और मुद्दों पर आधारित होता है और स्पष्ट होता है । अगर ऐसा होता है तो समाज को इस मामले में हस्तक्षेप जरूर करना चाहिए और अगर ऐसी कोई घटना होती है तो एक साथ बैठकर इसका समाधान निकालना चाहिए , तभी आधी आबादी का हाथ महिलाओं को मिलेगा ।