मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता बता रहे हैं कि पिछले एक साल से पैरेलाइस हैं इलाज चल रहा है अभी भी ट्रीटमेंट के लिए गए थे लेकिन लौटा दिया गया है कि मेडिसिन मिलेगी नहीं। अब बुजुर्ग लोग हैं ई. एस. आई.पेसेंट हैं उन्हें लेकर के आज ले जाना पड़ रहा है ई. एस. आई.कट रही है इसका कोई बेनिफिट नहीं मिल रहा है

मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता बता रहे है कि ईएसआईसी से बहुत परेशानिया होती है। ईएसआईसी अस्पताल में इलाज के लिए बहुत दौड़ना पड़ता है।

मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारी श्रोता बता रही है कि जब वो ईएसआईसी अस्पताल जाती है तो उन्हें दिल्ली के लिए रेफर कर दिया जाता है , जिसकी वजह से उन्हें आने जाने के काफी परेशानी होती है।

फरीदाबाद के मिलाद कॉलोनी,बाटा से नगीना मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उन्हें अपने सास की पित की थैली का ऑपरेशन करवाना है। लेकिन ऑपरेशन की डेट आगे बढ़ा दी गई है। इनको अपनी सास की पथरी का ऑपरेशन जल्दी करवाना है।

मोबाइल वाणी के माध्यम से आरती बता रही है कि उनके सास का इलाज ईएसआईसी से लंबे समय से चल रहा है। ईएसआईसी के अस्पताल में लंबी लाइन की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है और बाहर से दवाई लेने पर उसके पैसे नहीं मिलते हैं। कंपनी में छुट्टी के पैसे भी नहीं मिलते है

मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनके हसबेंड का इ एस आई कार्ड है वे वहां इलाज करवाती हैं लेकिन काम नहीं करता है। पैर दर्द माथा दर्द का भी। भाग दौड़ करते करते शाम हो जाती है लेकिन दवाई नहीं मिलती है मजबूरन उन्हें बाहर से दवाई लेनी पड़ती है। इ एस आई का सबसे बड़ा प्रॉब्लम यही है कि दिन भर चककर काटने के बाद भी दवाई नहीं मिलती है

मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता बता रहे हैं कि उनका इएसआईसी कार्ड है। वहाँ जब वे इलाज करवाते हैं तो बीमारी ठीक नहीं होता है। साथ ही वहां कम दाम का दवा मिलता है। बीमारी फिर से आ जाता है और घबराहट भी होता है।

मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता बता रहे हैं एस आई में जब भी जाते हैं लम्बी लम्बी लाइन लगी हुई होती है। कभी यहाँ भेजते हैं कभी वहां भेजते हैं दवा भी पुरी नहीं मिलती है

राजीव कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि ईएसआईसी अस्पताल में उन्हें वहां दवा नहीं मिलती है और बाद में ईएसआईसी दवाई के लिए बुलाते है। कंपनी से दवाई के पैसे भी कटते है और जब वो दवाई के लिए छुट्टी करते है, तो भी कंपनी से पैसे कटते है।

मोबाइल वाणी के माध्यम से ज्योति बता रही है कि उनके पिताजी का 3 नंबर ईएसआईसी से हार्ट का इलाज चल रहा है और जब वे इलाज करवाने जाते है तो, दिन की उनकी सैलरी स्लिप कटती है।ये इलाज करवाने के लिए उन्हें पूरा दिन लग जाता है , जिससे काफी परेशानी होती है।