दिल्ली राज्य के फरीदाबाद के संतोषनगर से श्रोता ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इनका और इनके बेटे का इलाज अच्छे से नही होता है। ईलाज के लिए जाती हैं तो लम्बा नंबर लगाना पड़ता है। इससे बहुत तकलीफ होती है एक बार तबियत ख़राब में इंतज़ार के दौरान इन्हें चक्कर आ गया और ये गिर गई। बेटा का भी ईलाज अच्छे से नहीं हुआ और मज़बूरी में एम्स ले जाना पड़ा। वहीं उनका ईलाज चलता है। श्रोता मजदूरी कर के गुज़र - बसर करती हैं।

फरीदाबाद के मिलाट कॉलोनी से ललिता ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि ईएसआई के तरफ से तीन महीने की दवा मिली है। उसके बाद वहां से दवा नही मिला है। बाहर से दवा लेकर खानी पड़ रही है। चेकअप भी नही किया जा रहा है।इनको बाहर से दवा खाने में बहुत परेशानी हो रही है।

फरीदाबाद के मिलाट कॉलोनी से राजेंदर ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इनका इलाज करने में बहुत दिन लगा दिया गया। आज -कल में खून चढाने की बात करते रहे। कभी कोई बीमारी बता देते थे ,कभी कुछ चेकअप बता देते थे। मगर खून नहीं चढ़ाया और इनको हार कर वहां से आना पड़ा

छह साल से पेंशन नहीं मिल रही है जिसके वजह से परेशानी होती है

फरीदाबाद के मेलाड कॉलोनी से देवकी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनके बेटे का आँखों का इएसआई में इलाज चल रहा है। इसके लिए उन्हें छुट्टियाँ करनी पड़ती हैं ,दवाइयाँ भी पुरी नहीं मिल पाती हैं

फरीदाबाद से राजबाला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वे इएसआई से डिस्चार्ज होके आ गए उसमे तीन दिन हो गया है। दवा लेने के लिए लम्बी लम्बी लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। किसी को एमरजेंसी में बहुत दिक्कत हो सकती है अल्ट्रासाउंड करवाना रहेगा तो दिक्कत होगी

मोबाइल वाणी के माध्यम से खुशबू ने बताया कि एस आई में उनका ठीक से इलाज नहीं हो पाया एक्सरे अल्ट्रासॉउन्ड किये थे तो उन्होंने कुछ नहीं बताया खून भी चढ़ाये थे और वहीँ उन्होंने प्राइवेट में चेक करवाया तो उन्होंने कहा कि उनके छाती में पानी हो गया है। अब कम्पनी वाले पैसे नहीं दे रहे हैं 15 दिन के हैं

मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता ने बताया कि एस आई में उनका ठीक से इलाज नहीं हो पाया एक्सरे अल्ट्रासॉउन्ड किये थे तो उन्होंने बोला सही है और वहीँ उन्होंने प्राइवेट में चेक करवाया तो उन्होंने कहा कि उनके छाती में पानी हो गया है। अब कम्पनी वाले पैसे नहीं दे रहे हैं 15 दिन के हैं

मोबाइल वाणी के माध्यम से झुनिया देवी की बेटी के द्वारा बताया गया कि उन्हें इ एस आई में जाने में बहुत दिक्कत होती है वहां कोई सुनवाई नहीं होती उन्हें सारे दवाईयाँ बाहर से खानी पड़ती हैं

श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ये काम करते थे और ईएसआई भी कटा था। ईएसआई के अंतर्गत ट्रीटमेंट करवाने गया तो उन्होंने कहा कि हक़दारी नहीं है। सिर्फ टेस्ट करवाया गया और अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया