वेतन के मामले में 1993 के बाद का समय राजनेताओं के लिए बेहतरीन रहा है। इस दौरान देश के विधायकों से लेकर सांसद और वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर मैनेजर तक की सैलरी में सामान्य कर्मचारियों की तुलना में दोगुना इजाफा हुआ है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं। नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन के डाटा पर बनी रिपोर्ट में बताया गया है कि 1993 से लेकर 2012 के दौरान सांसदों, विधायकों, वरिष्ठ अधिकारियों और मैनेजरों के वास्तविक औसत वेतन में 98% की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इन दो दशकों के अंतराल में फैक्ट्री और प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में महज 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं और पुरुषों का दैनिक औसतन वेतन में भी अंतर है। कम कौशल वाले रोजगारों में महिला-पुरुष के वेतन का अनुपात काफी खराब है। इस श्रेणी में महिलाओं का वेतन पुरुषों के वेतन का सिर्फ 69 प्रतिशत है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कम वेतन वाले रोजगारों में अनुसूचित जातियों की तादाद ज्यादा है।