राजकिशोर हरयाणा से बोल रहें हैं की मैं पहली बार हमारी वाणी को सुन रहा हूँ और मुझे बहुत ही ाचा लग रहा है की ये मंच विकलांगों इतनी अछि तरह से सुचारु रूप से चल रही है तथा मुझे मदर्स डे के अवसर पर प्रस्तुत एक बच्ची की कविता बहुत ही पसंद आई तथा बाक़ी प्रस्तुतयां भी क़ाबिले तारीफ़ है.