दिल्ली से विशाल ने हमारी वाणी के माध्यम से बता रहे है कि एक साल पहले इन्होने रिलायंस फाउंडेशन से एक पत्रिका मंगाई थी। लेकिन वो पत्रिका अभी तक आयी नहीं है। इसके लिए इन्होने रिलायंस फाउंडेशन का नंबर माँगा है।