महाराष्ट्र से हमारे एक श्रोता आशीष शर्मा जी हमारी वाणी के माध्यम से कहते है कि ये आँखों से नेत्रहीन है। हमारी वाणी सुनकर सुनकर अच्छा लगता है यह एक प्रेरणा का श्रोत है, इससे तमाम लोगो को काफी जानकारी मिलती है साथ ही शंकर महादेवन जी की प्रस्तुति अच्छी लगी।