पंजाब से यशवंत कुमार जी ने हमारी वाणी के माध्यम से बताया है कि वे पूर्ण रूप से नेत्रहीन हैं। वे कहते हैं की उनको दुमका झारखण्ड से तापस जी की जानकारी बहुत अच्छी लगी